300 साल बाद सिटी पैलेस में राजपरिवार-राजपुरोहितों ने एक साथ किया भोजन

मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास में सोमवार के दिन को एक नई ऐतिहासिक कड़ी के तौर पर जोड़ा गया. पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉक्टर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मारवाड़ के पांच प्रमुख गांवों से आए राजपुरोहित समाज के प्रतिनिधियों को उदयपुर के सिटी पैलेस में आमंत्रित कर सम्मानित किया. इसमें घेनड़ी, पिलोवणी, वणदार, रूंगड़ी और शिवतलाव गांव के प्रतिनिधि शामिल थे.

डॉ.लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मेवाड़ी सत्कार करते हुए राजपुरोहित समाज के प्रतिनिधियों का स्वागत किया, वहीं समाज की ओर से भी डॉ. लक्ष्यराज सिंह व उनके सुपुत्र हरित राज सिंह मेवाड़ को सम्मानित कर कृतज्ञता व्यक्त की किया गया. यह कार्यक्रम सिर्फ एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि सदियों पुरानी सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों की पुनर्स्थापना का प्रतीक था.

जागीर में दिए थे पांच गांव

माना जाता है कि महाराणा प्रताप के साथ हल्दीघाटी युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए नारायण दास राजपुरोहित के वंशजों को मेवाड़ राजपरिवार की ओर से ये गांव जागीर स्वरूप में दिए गए थे. तब से लेकर लंबे समय तक इन गांवों की बहन-बेटियां हर साल सिटी पैलेस में राखी भेजती थीं, जिसके बदले में राजमहल से परंपरागत चूंदड़ी भेजी जाती थी, लेकिन तीन सदियों पहले किन्हीं कारणों से यह परंपरा टूट गई थी.

साथ में किया भोजन

ऐसे में लक्ष्य सिंह ने फिर से इन्हें बुलावा भेजा और सभी राजपुरोहित सिटी पैलेस पहुंचे और इन्होंने रस्मों को निभाया और 300 सालों बाद में पूर्व राजपरिवार के साथ बैठकर भोजन किया.

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