जयपुर स्थित सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में 5 अक्टूबर की रात ट्रॉमा सेंटर में लगी आग के बाद अस्पताल की सर्जरी सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा है। हादसे में आठ मरीजों की मौत हुई थी और ऑपरेशन थिएटर (OT) समेत आईसीयू वार्ड को गंभीर नुकसान पहुंचा।

अब सर्जरी वाले मरीजों को अस्पताल की पुरानी इमरजेंसी में शिफ्ट कर ऑपरेशन किए जा रहे हैं। वहीं, न्यूरो सर्जरी से जुड़े मरीजों को बांगड़ भवन परिसर में न्यूरो वार्ड में भर्ती कर सर्जरी की जा रही है।

ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. बीएल यादव ने बताया कि टीम की कोशिश है कि बुधवार शाम तक आठ में से तीन ऑपरेशन टेबल को फिर से चालू किया जाए। शेष पांच टेबल को जल्द शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। सामान्य दिनों में ट्रॉमा सेंटर के इन ओटी में रोजाना 3-4 सर्जरी होती थीं।

SMS अस्पताल में कुल चार आईसीयू वार्ड हैं, जिनमें 46 बेड की क्षमता है। आग की घटना में न्यूरो आईसीयू के दोनों वार्डों (11+13 बेड) को खासा नुकसान हुआ है। फिलहाल गंभीर मरीजों के लिए केवल 22 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं, जिनमें 6 इमरजेंसी वार्ड और 16 पोली ट्रॉमा वार्ड में हैं।

आग के कारण कई मेडिकल मशीनें जल गईं या पूरी तरह खराब हो गईं। अस्पताल प्रशासन ट्रॉमा सेवाओं को जल्द बहाल करने में जुटा है।

इस घटना की रात एसएमएस ट्रॉमा आईसीयू के दूसरे फ्लोर में आग लगी थी। धुएं में आठ मरीज दम तोड़ बैठे थे। मृतकों के परिजनों ने सरकार पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।