जयपुर। राजस्थान की राजनीति में अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है, जबकि कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इसी बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने दिल्ली के निर्देश पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुलाकात की।

रणनीतिक चर्चा में एक घंटे तक चली बैठक
तीनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक अंता उपचुनाव को लेकर रणनीतिक चर्चा हुई। अंता विधानसभा सीट वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह के लोकसभा क्षेत्र झालावाड़-बरां में आती है और हाड़ौती अंचल को राजे का राजनीतिक गढ़ माना जाता है। ऐसे में इस उपचुनाव में उनकी प्रतिष्ठा सीधे तौर पर जुड़ी हुई मानी जा रही है।

भाजपा में उम्मीदवार चयन पर मतभेद
सूत्रों के अनुसार, वसुंधरा राजे पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा के परिवार को टिकट देने के पक्ष में हैं, जबकि पार्टी नेतृत्व स्थानीय उम्मीदवार पर विचार कर रहा है। कंवरलाल मीणा को हाल ही में कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के कारण पार्टी उनकी छवि को लेकर सतर्क है।

अंता से पूर्व जिलाध्यक्ष आनंद गर्ग और नंदलाल सुमन ने भी टिकट की दावेदारी पेश की है। वहीं, जातीय समीकरणों के मद्देनजर पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को भी पार्टी के लिए एक मजबूत विकल्प माना जा रहा है। सैनी अंता से पहले विधायक रह चुके हैं, लेकिन उनका क्षेत्रीय विरोध भी है।

राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं
कभी प्रभुलाल सैनी को वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता था, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि अंता सीट पर राजे की राय को सम्मान दिया जाए, ताकि हाड़ौती क्षेत्र में पार्टी की एकजुटता बनी रहे। माना जा रहा है कि पार्टी जल्द ही सभी पक्षों को साथ लेकर प्रत्याशी की घोषणा करेगी।