राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि देश की सुरक्षा ही नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत को आज बाहरी खतरों के साथ-साथ आंतरिक चुनौतियों से भी सतर्क रहने की जरूरत है। राज्यपाल मंगलवार को गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकात्मकता’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब शासन और जनता दोनों सुरक्षित हाथों में हों, तभी देश विकास की राह पर आगे बढ़ता है। प्रत्येक नागरिक में राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी और सद्भाव की भावना होनी चाहिए। बागडे ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां नदियों, पर्वतों और वृक्षों तक की पूजा की जाती है, इसलिए नागरिकों को भी राष्ट्र के आदर्शों और मूल्यों का सम्मान करते हुए कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकता की भावना ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है, जो देश को एक सूत्र में बांधती है।
सोनिया गांधी को लेकर दिया बयान
अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ समाचार पत्रों में यह प्रकाशित हुआ कि सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिकता नहीं ली, फिर भी उनका नाम मतदाता सूची में शामिल था। उन्होंने कहा कि यह स्थिति उचित नहीं है।
राज्यपाल ने आगे कहा कि देश के विभाजन के समय जो निर्णय लिया गया था, उसके बाद भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया और यह कहा गया कि जो भारत में रहना चाहता है, वह रह सकता है और जो जाना चाहता है, वह जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस विभाजन के दौरान लगभग 10 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
‘विविधता में एकता ही भारत की पहचान’
कार्यक्रम में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ हिंदू अकैडमिशियन के डॉ. नचिकेता तिवारी ने कहा कि हिंदू समाज में अनेक विविधताएं हैं, जिन्हें एक मंच पर लाना आज की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.एस. ठाकुर ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी शक्ति उसकी विविधता में निहित एकात्म चेतना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता एक ऐसी भावना है जिसमें सभी नागरिक आपसी सौहार्द और एकजुटता से देश को सशक्त बनाते हैं।
कार्यक्रम में हुई राष्ट्र निर्माण पर चर्चा
राज्यपाल के आगमन पर कुलपति प्रो. ठाकुर ने उनका स्वागत किया। संगोष्ठी में राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संगठन मंत्री मिलिंद परांडे सहित देशभर के शिक्षाविद्, चिंतक और शोधार्थी शामिल हुए। इस अवसर पर जनजातीय गौरव, राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर चर्चा हुई। जनजातीय नायकों पर आधारित प्रदर्शनी भी विशेष आकर्षण का केंद्र रही।