जयपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने वैश्विक परिदृश्य पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इतिहास में युद्धों में राष्ट्रवाद एक बड़ा कारण रहा है। इसके बाद वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वैश्विकता की बात करने लगे, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण रखने वाले भी अपने राष्ट्र के हित को सर्वोपरि रखते हैं।
भागवत ने कहा कि आज का सबसे बड़ा संघर्ष शक्तिशाली देशों के बीच देखने को मिल रहा है, और इसका बोझ कमजोर राष्ट्रों को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक समस्याओं के बीच दुनिया समाधान की तलाश में भारत की ओर देख रही है। भागवत ने यह भी कहा कि भारत की विचारधारा और रणनीतिक दृष्टिकोण दुनिया को सही दिशा दिखाने में सक्षम है।