चित्तौड़गढ़ श्री सांवलियाजी महिला एवं बाल चिकित्सालय में चिकित्सकीय लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव होने से एक प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों ने महिला चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
परिजनों का आरोप: चिकित्सक ने नहीं उठाया फोन
इधर, मृतका के पति जितेंद्र ने बताया कि 28 मार्च को शाम 4 बजे प्रसव पीड़ा होने पर उनकी पत्नी ज्योति को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। 15 मिनट बाद नॉर्मल डिलीवरी हुई और बच्चे के जन्म की सूचना दी गई। लेकिन कुछ ही देर बाद अत्यधिक रक्तस्राव के कारण ज्योति की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों का आरोप है कि नर्सिंग स्टाफ ने महिला चिकित्सक को फोन और मैसेज किए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
परिजनों के मुताबिक, स्थिति गंभीर होने पर आनन-फानन में ज्योति को उदयपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के दौरान नाल काटने से पहले गांठ नहीं लगाई गई, जिससे अधिक रक्तस्राव हुआ। मृतका के परिजनों ने सदर थाने में महिला चिकित्सक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। इस पर थानाधिकारी निरंजन प्रताप सिंह ने बताया कि परिवाद दर्ज कर लिया गया है और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन, गिरफ्तारी की मांग
घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष जिला कलक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कलेक्ट्रेट चौराहे और परिसर में चिकित्सा विभाग और महिला चिकित्सक के खिलाफ नारेबाजी की। उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर चिकित्सक को बर्खास्त करने और कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।