भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अमर उजाला से खास बातचीत में राजस्थान की राजनीति और एसआई भर्ती परीक्षा 2021 से जुड़े हाईकोर्ट के फैसले पर अपनी राय व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला किया और कहा कि वर्तमान सरकार अब इस मामले पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं रखती। राठौड़ ने डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा और हनुमान बेनीवाल के बीच चल रही बयानबाजी पर भी प्रतिक्रिया दी।
गहलोत सरकार पर निशाना
राठौड़ ने कहा कि एसआई भर्ती परीक्षा में जो हालात बने, उसकी पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस सरकार की है। उन्होंने इसे गहलोत सरकार की चूक बताया और कहा कि भाजपा इस मामले में अदालत के आदेश की समीक्षा कर रही है ताकि उन अभ्यर्थियों का नुकसान न हो जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी थी।
गहलोत का जवाब
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने पेपर लीक के खिलाफ देश में सबसे पहले कड़े कदम उठाए और मिसाल पेश की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने कानून बनाकर पेपर लीक मामलों में 10 साल की सजा, उम्रकैद, जुर्माना और दोषियों की संपत्ति जब्त करने जैसे प्रावधान किए। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार के बनाए कानून में इतनी सख्ती नहीं है।
परीक्षा सुधार और सरकार की पहल
गहलोत ने बताया कि 2021 में उनकी सरकार ने पूर्व आईपीएस महेंद्र कुमावत की अध्यक्षता में कमेटी बनाई, जिसने परीक्षा प्रणाली सुधार के सुझाव दिए। इन्हीं सुझावों के आधार पर परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव हुए और एसओजी में एंटी-चीटिंग सेल का गठन किया गया, जिसने सैकड़ों आरोपियों को जेल भेजा। उन्होंने रीट लेवल-2 परीक्षा का उदाहरण देते हुए कहा कि गड़बड़ी सामने आने पर कांग्रेस सरकार ने समयबद्ध पुनः परीक्षा करवाई और 50 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी दी।
भाजपा पर पलटवार
गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने जनता के सामने परीक्षा रद्द करने की मांग की, लेकिन अदालत में इसे रद्द न करने की पैरवी की। उनके अनुसार, भाजपा का दोहरा चरित्र अब उजागर हो गया है।
मीणा और बेनीवाल विवाद पर राठौड़ की प्रतिक्रिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और हनुमान बेनीवाल के बीच चल रही बयानबाजी पर कहा कि यह विवाद पार्टी से जोड़कर देखने योग्य नहीं है, लेकिन भाजपा हमेशा जनता और युवाओं के हित के लिए प्रतिबद्ध है।