राजस्थान के आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में एक बार फिर सोने के नए भंडार की पुष्टि हुई है। घाटोल ब्लॉक के खाकरिया का गढ़ा गांव में स्वर्ण अयस्क की तीसरी खान की आधिकारिक पुष्टि के बाद यह क्षेत्र देश में ‘सोने के गढ़’ के रूप में तेजी से उभर रहा है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार, लगभग 3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में करीब 1.20 टन सोने के भंडार के स्पष्ट संकेत मिले हैं। माइनिंग लाइसेंस जारी होने के बाद यहां खनन कार्य शुरू किया जाएगा।
🔹 नवंबर में खुलेगी निविदा
स्वर्ण अयस्क के भंडार के संकेतों के बाद केंद्र सरकार ने 29 सितंबर को घाटोल ब्लॉक के खाकरिया का गढ़ा और आसपास के क्षेत्र में जी-2 स्तर की जांच के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। आवेदन की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर तय की गई थी, जबकि 3 नवंबर को निविदा प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी को खनन की अनुमति दी जाएगी। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (GSI) ने लगभग छह वर्ष पहले इस क्षेत्र में सर्वेक्षण कर 700 फीट गहराई तक खुदाई की थी, जिसके नमूनों की जांच में सोने की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी।
🔹 तांबा, कोबाल्ट और निकल के भंडार के भी संकेत
विशेषज्ञों के अनुसार, खाकरिया का गढ़ा और उसके आसपास के इलाकों में तांबा, कोबाल्ट और निकल जैसे अन्य बहुमूल्य खनिज भी पाए गए हैं। इससे पहले बांसवाड़ा के घाटोल क्षेत्र के जगपुरा और देलवाड़ा भूखिया इलाकों में भी करीब 12 टन सोने के भंडार की पुष्टि हो चुकी है। इन स्थलों के लिए राज्य स्तर पर निविदा प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।
🔹 पांच बड़ी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा
खाकरिया का गढ़ा गोल्ड ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए पांच बड़ी कंपनियां प्रतिस्पर्धा में हैं —
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हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड (अहमदाबाद)
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पोद्दार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड (मुंबई)
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ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड (रतलाम)
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हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (उदयपुर)
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जेके सीमेंट लिमिटेड (कानपुर)
🔹 रोजगार और निवेश के नए अवसर
विशेषज्ञों का कहना है कि बांसवाड़ा जिले में सोने और अन्य खनिजों के दोहन से इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोकेमिकल, बैटरी और धातु उद्योगों में बड़े निवेश की संभावना बनेगी। इससे न केवल प्रदेश को राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के हजारों अवसर भी पैदा होंगे। इसके साथ ही, इन खनिजों से जुड़े उद्योगों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और विदेशी आयात पर निर्भरता घटेगी।