जयपुर: मौलाना पर युवती के अपहरण और जबरन निकाह कराने का आरोप

जयपुर में एक बार फिर मदरसे की आड़ में चल रहे कथित अनैतिक गतिविधियों का मामला सामने आया है। जेपी कॉलोनी और टोंक वालों की बस्ती स्थित मदरसा ‘नूर उल इस्लाम’ के मौलाना मुफ्ती सलीम पर एक 23 वर्षीय युवती को बहला-फुसलाकर अपहरण करने, जबरन फर्जी निकाह रचाने और मजहबी कानूनों का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।

युवती के पिता, जो जेपी कॉलोनी, आमेर रोड के निवासी हैं, ने इस संबंध में थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया कि उनकी बेटी सात वर्ष की उम्र से मदरसे में शिक्षा प्राप्त कर रही थी। लेकिन मौलाना मुफ्ती सलीम ने न केवल उसे बहकाया, बल्कि जबरन फर्जी निकाह कर उसके साथ अनैतिक संबंध बनाए।

एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि यह मदरसा न तो राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त है, न ही किसी संस्था से पंजीकृत। शिकायतकर्ता के अनुसार, मौलाना सलीम इससे पहले भी कई गरीब तबके की लड़कियों के साथ इसी प्रकार की हरकतें कर चुका है और अनेक लड़कियां आज तक लापता हैं।

देश विरोधी गतिविधियों के भी आरोप
एफआईआर में दावा किया गया है कि इस मदरसे को खाड़ी देशों से चंदे और हवाला के माध्यम से धन प्राप्त होता है, जिसका उपयोग देशविरोधी गतिविधियों में किया जा रहा है। इसके अलावा मौलाना सलीम समेत अन्य कई व्यक्ति, जिनमें फाजील पुत्र हनीफ, नईम पुत्र हनीस, राशिद पुत्र अल्लारख्ख, और अन्य शामिल हैं। तीन-तीन फर्जी आईडी के माध्यम से जयपुर में रह रहे हैं और प्रतिबंधित इस्लामिक संगठनों से जुड़े होने का संदेह है।

परिवार को जान से मारने की धमकियां
अपनी शिकायत में यह भी बताया कि उन्हें और उनके परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें घर से निकलने नहीं दिया जा रहा और पहले भी उनके बच्चों के साथ मारपीट की जा चुकी है। यह मामला तब और गरमाया, जब हवामहल क्षेत्र के विधायक बालमुकुंद ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए जिला कलेक्टर से पूरे जयपुर में स्थित मदरसों की जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा के नाम पर अगर इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं तो यह समाज और राष्ट्र दोनों के लिए खतरनाक संकेत हैं।

पुलिस जांच प्रारंभ
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और यदि देशद्रोह या आतंकी संबंधों की पुष्टि होती है तो राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी इसमें शामिल की जाएंगी।

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