जैसलमेर। मंगलवार दोपहर जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर एक चलती एसी स्लीपर बस में अचानक आग लगने से भयावह हादसा हो गया। हादसे में एक ही परिवार के 5 सदस्य सहित कुल 20 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 15 से अधिक लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। घटना के वक्त बस में करीब 40 यात्री सवार थे।

बस के जलने की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई शव बस के अंदर ही चिपके हुए मिले और कुछ यात्री इतनी जल चुके थे कि उनकी पहचान संभव नहीं थी। मृतकों के सभी 19 शवों को जोधपुर भेजा गया, जबकि कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनके दो निकटतम परिजनों के DNA सैंपल लिए जा रहे हैं।

एम्बुलेंस सेवा पर सवाल
घायलों को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से जोधपुर अस्पताल तक पहुंचाया गया, लेकिन परिवहन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। परिजनों का आरोप है कि एम्बुलेंस की हालत बेहद खराब थी। घायलों के परिजनों ने बताया कि मरीज को एम्बुलेंस में डालने के बाद पहले डीजल भरवाया गया और फिर उसे अस्पताल ले जाया गया। कई जगह पर कार की टेल लाइट का इस्तेमाल करते हुए रास्ता दिखाया गया। परिजन अब एम्बुलेंस सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की मांग कर रहे हैं।

नई बस और सुरक्षा नियमों की अनदेखी
हादसे का शिकार बस केके ट्रैवल्स की थी, जिसे 1 अक्टूबर 2025 को रजिस्टर किया गया और 9 अक्टूबर को ऑल इंडिया परमिट मिला था। यह बस मात्र चौथे फेरे पर थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस मॉडिफाइड थी लेकिन इसमें न तो इमरजेंसी एग्जिट गेट था और न ही विंडो तोड़ने का हैमर। इसी लापरवाही के कारण यात्री अंदर फंसे रह गए और आग ने भयावह रूप ले लिया।

आग लगने की वजह
हादसे के कारणों को लेकर कई थ्योरी सामने आई हैं। शुरुआती रिपोर्ट में शॉर्ट सर्किट या एसी कम्प्रेशर फटने की संभावना जताई गई, वहीं स्थानीय लोगों का दावा है कि बस की डिक्की में पटाखे रखे हुए थे, जिससे धमाका हुआ और आग फैल गई।

ग्रीन कॉरिडोर से जोधपुर पहुंचे घायल
हादसे में गंभीर रूप से झुलसे 16 लोगों को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जोधपुर अस्पताल पहुंचाया गया। करीब 275 किलोमीटर लंबा यह मार्ग सेना, पुलिस और प्रशासन की मदद से तैयार किया गया। इस दौरान एक बुजुर्ग की रास्ते में ही मौत हो गई।

घायलों में शामिल था प्री-वेडिंग शूट का जोड़ा
हादसे में घायल आशीष दवे अपनी मंगेतर के साथ प्री-वेडिंग शूट से लौट रहे थे। दोनों बस के आगे की सीट पर थे, जिससे वे समय रहते बाहर निकल पाए। हालांकि, आशीष की आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है।

प्रधानमंत्री राहत कोष से सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि "जैसलमेर हादसे से मन व्यथित है।"