राजस्थान में जल जीवन मिशन से जुड़े कथित 125 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार को लेकर सियासी माहौल गर्म हो गया है। भाजपा प्रदेश महामंत्री और खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार गहलोत की छत्रछाया में हुआ। गोठवाल ने दावा किया कि मामले में पहले ही एक मंत्री जेल में है और जल्द ही इसकी आंच पूर्व मुख्यमंत्री तक भी पहुंच सकती है।

PHED ने सात अधिकारियों को जारी किए नोटिस
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) ने जल जीवन मिशन में अनियमितताओं और लापरवाही के आरोपों की जांच के बाद सात अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। राजस्थान सिविल सेवा नियम-16 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। आरोपपत्र और संबंधित दस्तावेज अधिकारियों को सौंप दिए गए हैं।

नोटिस पाने वाले अधिकारियों में अधिशाषी अभियंता हरज्ञान लाल मीना, तत्कालीन सहायक अभियंता सरजन सिंह मीना, गीताराम मीना, विकास कुमार मीना, कनिष्ठ अभियंता कन्हैया लाल बैरवा, राजेश चंद मीना, खंडीय लेखाकार हरिमोहन मीना और खंडीय लेखाधिकारी-प्रथम मुकेश कुमार मीना शामिल हैं।

गोठवाल की लगातार पहल का असर
विधायक जितेंद्र गोठवाल ने विधानसभा में प्रश्नों और विधायक दल की बैठकों के जरिए इस मामले को लगातार उठाया। इसके बाद जलदाय मंत्री कनहैया लाल चौधरी ने एक कमेटी गठित कर जांच शुरू करवाई, जिससे यह कार्रवाई सामने आई है।

खंडार क्षेत्र में जल संकट से मिलने की उम्मीद
खंडार क्षेत्र लंबे समय से जल संकट से जूझ रहा था। विभाग का कहना है कि जांच के साथ-साथ क्षेत्र में जलापूर्ति सुचारू करने की तैयारियां भी तेजी से की जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को जल्द राहत मिलने की संभावना है।

अधिकारियों को 15 दिन में जवाब देना अनिवार्य
सातों अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। समय पर जवाब नहीं देने पर विभाग एकतरफा कार्रवाई करेगा। सभी अधिकारियों को राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम–1971 के नियम–24 का पालन करने की चेतावनी भी दी गई है, जिसमें राजनीतिक या बाहरी दबाव का उपयोग प्रतिबंधित है।

जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों का समर्थन करने वालों पर भी भाजपा केंद्रीय नेतृत्व नजर रखे हुए है और उचित समय पर कार्रवाई की जाएगी।