गिड़ा पुलिस ने एक बड़े गबन के मामले में शिक्षा विभाग के निलंबित कनिष्ठ सहायक (एलडीसी) संदीप मीणा को गिरफ्तार किया है। उस पर सेवानिवृत्त कर्मचारी के अवकाश भुगतान में व्यापक हेराफेरी कर सरकारी खजाने से लाखों रुपये हड़पने का आरोप है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर 12 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है ताकि इस धनराशि और अन्य जुड़ी जानकारियों की गहन जांच की जा सके।
यह मामला हीरा की ढाणी का है, जहां के प्रधानाचार्य सवाऊ मूलराज ने 15 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि संदीप मीणा ने रिटायर्ड कर्मचारी शेराराम के पे-मैनेजर पोर्टल पर पारिवारिक विवरण में बदलाव कर अपने परिवार के सदस्यों को शेराराम का नामिनी बना दिया। साथ ही, शेराराम के मूल वेतन को भी असल में ₹52,300 के बजाय ₹97,300 दिखाकर फर्जी आंकड़े प्रस्तुत किए। इस तरह की धोखाधड़ी के जरिये उसने सरकारी धन अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया।
जांच में यह भी पता चला कि शेराराम 31 जुलाई 2023 को सेवा-निवृत्त हुए थे, जिनके 300 दिन के अर्जित अवकाश का भुगतान आहरण-वितरण अधिकारी की स्वीकृति के बिना संदीप ने अपने लाभ के लिए कर लिया। कुल ₹14,20,580 की राशि उसने अपने खाते में जमा करवाई।
मामले की जानकारी मिलने पर विभागीय जांच शुरू हुई, जिसमें आरोपी के बैंक लेन-देन और दस्तावेज जब्त किए गए। आरोपी संदीप मीणा मूल रूप से भोटवाड़ा, जिला करौली का रहने वाला है और निलंबन के बाद भी पद का दुरुपयोग कर रहा था। पुलिस इस पूरे मामले में अन्य शामिलों की पहचान करने और गबन की राशि के उपयोग की भी पड़ताल कर रही है।