सिरोही (राजस्थान): केंद्र सरकार के नशीले पदार्थों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और राजस्थान पुलिस ने सिरोही जिले के धनत्राई गाँव में मेफेड्रोन की एक गुप्त लैब का भंडाफोड़ किया है। जांच के दौरान सैकड़ों किलोग्राम रसायन बरामद किए गए, जो लगभग 100 किलोग्राम मेफेड्रोन बनाने के लिए पर्याप्त थे। इनकी अनुमानित बाज़ार कीमत करीब 40 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
लैब के मास्टरमाइंड वाला राम और उसके चार सहयोगियों को राजस्थान और गुजरात के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि स्नातक वाला राम ने सिविल सेवा परीक्षाओं में असफल होने के बाद जल्दी पैसा कमाने के लिए मेफेड्रोन उत्पादन का व्यवसाय शुरू किया। उसने फार्म हाउस पट्टे पर लिया और रसायन एवं उपकरण गुजरात के अंकलेश्वर से हासिल किए।
कैसे हुआ खुलासा
एनसीबी ने राजस्थान में जिला पुलिस को संवेदनशील बनाने के लिए मासिक बैठकें आयोजित की थीं। इसी दौरान जिला पुलिस को फार्म हाउस में रसायनों और लैब उपकरणों से भरे ड्रम की सूचना मिली। इसके बाद एनसीबी, जोधपुर की टीम घटनास्थल पर पहुंची और गुप्त प्रयोगशाला का पता चला। राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर की टीम ने भी बरामद सामग्री की पुष्टि की।
जांच में यह भी पता चला कि गैंग ने पहले ही 8 किलो मेफेड्रोन बनाया था, जिसमें से 2 किलो को 28 अक्टूबर को सीबीएन ने जब्त कर लिया था। सिंडिकेट के सदस्य वर्चुअल सिम और डार्कनेट के जरिए आपस में संपर्क करते थे और ड्रग बनाने की प्रक्रिया सीखते थे।
एनसीबी और राजस्थान पुलिस का सहयोग
यह कार्रवाई पांच दिनों में ही संभव हो सकी, जो ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में एनसीबी और राज्य पुलिस के संयुक्त प्रयास का महत्वपूर्ण उदाहरण है। एनसीबी ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना स्थानीय पुलिस या एनसीबी के हेल्पलाइन नंबर 1933 पर दें।