राजस्थान में नया नियम: होटल में नाबालिग के ठहरने पर परिजनों को देनी होगी सूचना

राजस्थान सरकार ने राज्य के होटलों, गेस्ट हाउसों और आश्रमों में नाबालिगों के ठहरने को लेकर सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के होटल में ठहरने की स्थिति में उनके माता-पिता को सूचित करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा होटल प्रबंधन को नाबालिग का पहचान पत्र और अभिभावक का मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।

गृह विभाग का सख्त निर्देश

यह आदेश राज्य के गृह विभाग सचिव रवि शर्मा की ओर से जारी किया गया है। सरकार का कहना है कि यह कदम बच्चों के लापता होने और नाबालिगों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए उठाया गया है। विभाग का मानना है कि होटलों में बिना पर्याप्त जांच के ठहरने की सुविधा अपराधों को बढ़ावा देती है, इसलिए अब निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया गया है।

सुरक्षा के मद्देनज़र नई व्यवस्था

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से यह बदलाव बेहद आवश्यक था। हालांकि कुछ बड़े होटलों में यह व्यवस्था पहले से लागू है, लेकिन कई स्थानों पर नियमों की अनदेखी की जा रही थी। अब यह नियम सभी होटलों और ठहरने के स्थानों पर सख्ती से लागू किया जाएगा। साथ ही, अगर नाबालिग ठहरता है तो उसके परिजनों को इसकी जानकारी देना भी होटल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी।

नए नियमों में क्या-क्या शामिल है?

  • होटल, आश्रम या अन्य ठहरने वाले स्थलों को एक रजिस्टर रखना होगा जिसमें सभी ठहरने वालों की जानकारी और उनके पहचान पत्र की कॉपी दर्ज की जाएगी।
  • यदि कोई नाबालिग ठहरे, तो उसके अभिभावकों को तत्काल सूचना देना जरूरी होगा।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की मौजूदगी की स्थिति में होटल को पुलिस को तुरंत जानकारी देनी होगी।
  • होटल में एकत्रित डाटा की जांच राज्य एजेंसियां या अधिकृत अधिकारी कभी भी कर सकते हैं, जिसके लिए पूरा सहयोग देना अनिवार्य होगा।

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