जयपुर। राजस्थान में शुक्रवार से करीब सात हजार निजी स्लीपर बसों का संचालन ठप हो गया है। निजी बस ऑपरेटरों ने परिवहन विभाग की सख्त कार्रवाई के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि उदयपुर और भीलवाड़ा जिलों के संचालकों ने हड़ताल का समर्थन नहीं करते हुए अपनी बस सेवाएं जारी रखी हैं।

हाल के दिनों में दो बड़े हादसों — जैसलमेर में हुई स्लीपर बस दुर्घटना जिसमें 27 लोगों की मौत हुई थी और जयपुर जिले के मनोहरपुर में तीन दिन पहले हुई एक अन्य बस दुर्घटना जिसमें दो लोगों की जान गई — के बाद परिवहन विभाग ने राज्यभर में स्लीपर बसों की जांच अभियान शुरू किया।

विभाग ने बसों की तकनीकी खामियों की जांच करते हुए कई बसों के चालान काटे और नियमों में कमी मिलने पर वाहनों को सीज करना शुरू किया। इससे नाराज होकर निजी बस संचालकों ने विरोधस्वरूप शुक्रवार से सभी स्लीपर बसों का संचालन बंद कर दिया।

राजस्थान कांट्रेक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने विभाग पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि राजस्थान के अलावा यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और गुजरात तक इन बसों का संचालन होता है और प्रतिदिन करीब तीन लाख यात्री इनसे सफर करते हैं।

इस बीच हड़ताल से आम लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए राजस्थान रोडवेज ने सभी डिपो प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि वे आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बसों का संचालन करें, ताकि यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके।