राजस्थान विधानसभा में हंगामा: स्मार्ट मीटर और झालावाड़ हादसे पर कांग्रेस का वॉकआउट

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को हंगामेदार दृश्य देखने को मिला। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के कई विधायकों ने स्मार्ट मीटर योजना और झालावाड़ दुखांतिका को लेकर सदन से दो बार वॉकआउट किया। हंगामे के चलते स्पीकर को कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

प्रश्नकाल की शुरुआत पंजाब से राजस्थान में आ रहे दूषित पानी के मुद्दे से हुई, लेकिन जल्द ही कांग्रेस विधायकों ने स्मार्ट मीटर योजना में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वेल में नारेबाजी शुरू कर दी। “मोदी मीटर वापस लो” के नारे लगाते हुए उन्होंने योजना को जनता विरोधी बताया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने दावा किया कि बीजेपी सरकार ने ब्लैकलिस्टेड कंपनी को स्मार्ट मीटर का वर्क ऑर्डर दिया। इस पर ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि योजना 2023 में कांग्रेस सरकार के दौरान कैबिनेट से पारित हुई थी और वर्तमान सरकार उसी आधार पर टेंडर जारी कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई ब्लैकलिस्टेड कंपनी इसमें शामिल नहीं है।

झलावाड़ दुखांतिका के मुद्दे पर हंगामा बढ़ते देख संजय शर्मा तैश में आ गए और जूली की ओर बढ़े। बीच-बचाव में मंत्री जोगाराम पटेल और अविनाश गहलोत ने हस्तक्षेप किया। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने स्थिति को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी।

सदन शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायकों ने मुख्य द्वार पर काली पट्टी बांधकर और झालावाड़ दुखांतिका की तख्तियां लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के इस्तीफे की भी मांग की। विधायकों ने प्रभावित बच्चों की तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसमें कुछ बीजेपी विधायक भी शामिल हुए।

सदन में “राजस्थान कोचिंग संस्थान नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025” पारित किया गया। आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग और कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि यह विधेयक जल्दबाज़ी में लाया गया है और कोचिंग इंडस्ट्री की स्थिति को और खराब करेगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शांतिधारीवाल ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह नौकरशाही को बढ़ावा देता है और छात्र आत्महत्या जैसी गंभीर समस्याओं के समाधान में मददगार नहीं है।

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