राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है और यह स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय तक किसी भी चयनित उम्मीदवार को ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 8 सितंबर को चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग में शामिल होने की अनुमति दी थी, जबकि उनकी फील्ड पोस्टिंग पर रोक लगी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि मुख्य अपील के निस्तारण तक ट्रेनिंग पर भी रोक रहेगी। कोर्ट ने डिवीजन बेंच को तीन महीने के भीतर इस अपील का निपटारा करने का निर्देश दिया। तब तक 18 नवंबर 2024 के एकलपीठ आदेश के तहत पूरी चयन प्रक्रिया पर लगी रोक यथावत रहेगी।
राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने दलील दी कि उम्मीदवारों को ट्रेनिंग की अनुमति दी जाए, भले ही फील्ड पोस्टिंग न हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया। मूल याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव शकधर और चयनित उम्मीदवारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पैरवी की।

इस बीच, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा 2021 की एसआई भर्ती रद्द करने के आदेश को बरकरार रखा है और डिवीजन बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के दोगले रवैये को उजागर करता है, क्योंकि मुख्यमंत्री भजनलाल ने पहले सार्वजनिक रूप से भर्ती रद्द होने का श्रेय लिया था।