जयपुर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो विज्ञान शिक्षकों को अवैध रूप से मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग तैयार करने के आरोप में पकड़ा गया है। इनमें से एक सरकारी स्कूल में और दूसरा निजी संस्थान में विज्ञान पढ़ाता है। दोनों ने एक फ्लैट को केमिकल लैब में तब्दील कर ड्रग निर्माण शुरू कर दिया था।
पिछले ढाई महीने में करोड़ों की ड्रग्स की बिक्री
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जोधपुर जोनल यूनिट ने कार्रवाई करते हुए उक्त फ्लैट पर छापा मारा और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया है कि इन्होंने करीब ढाई महीनों में राजस्थान और पंजाब में लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्य की करीब 5 किलो एमडी ड्रग्स बेची हैं।
फ्लैट से मिले रसायन, उपकरण और नशीला पदार्थ
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी के अनुसार, गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस छापेमारी में फ्लैट से दो करोड़ 34 लाख रुपये के बराबर की 780 ग्राम तैयार एमडी ड्रग्स, रसायन और लैब उपकरण बरामद किए गए।
शिक्षकों की पहचान और रसायन खरीद की जानकारी
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मनोज भार्गव और इंद्रजीत के रूप में हुई है। मनोज सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, मुकलावा में विज्ञान शिक्षक है, जबकि इंद्रजीत एक निजी स्कूल में पढ़ाता है। जांच में पता चला है कि ये दोनों कुछ समय से दिल्ली से रसायन मंगा कर फ्लैट में ड्रग्स बना रहे थे। जब्त रसायनों में एसीटोन, बेंजीन, सोडियम बाइकार्बोनेट, ब्रोमीन, मिथाइलामाइन और आइसोप्रोपिल अल्कोहल शामिल हैं।