बदायूं जिले में गंगा का जलस्तर बढ़ने से दातागंज और सहसवान तहसील के 11 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे 14,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें दातागंज के सात और सहसवान के चार गांव शामिल हैं, जहां तीन से चार फीट तक पानी भर चुका है। घरों में रखा अनाज, कपड़े और अन्य घरेलू सामान भीग गए हैं। लोग छतों पर रहकर जरूरत का सामान जुटा रहे हैं, जबकि मवेशियों को नजदीकी ऊंचे स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा जलस्तर
गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को यह खतरे के निशान 162.44 मीटर को पार करते हुए 162.51 मीटर तक पहुंच गया। दातागंज क्षेत्र के कमलईयापुर, कदम नगला, दलपतनगला, रैपुरा, जसवंत नगला, प्रेमी नगला, जटा और ठकुरी नगला गांवों में दो से तीन फीट पानी भर गया है। यहां करीब 10 हजार लोग प्रभावित हैं। प्रशासन ने आवाजाही के लिए स्टीमर की व्यवस्था की है और कुछ पंचायत भवनों व स्कूलों में राहत शिविर बनाए हैं, लेकिन अधिकांश ग्रामीण अपने घरों की छतों पर ही डटे हुए हैं।
भीगे सामान, डूबी फसलें
रैपुरा निवासी गणेश कुमार ने बताया कि पानी घर में घुस जाने से गेहूं, भूसा और कपड़े सब भीग गए हैं। जसवंत नगला के सुधाकर ने कहा कि मोटरसाइकिल और बिस्तर तक पानी में डूब गए हैं। विधायक राजीव कुमार सिंह ने उसहैत के जाटी और जटा गांव का निरीक्षण कर प्रशासन को राहत सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए। फिलहाल इन गांवों में पानी अभी अंदर तक नहीं पहुंचा है, लेकिन खतरा बना हुआ है।
दो दिन बाद पहुंची मदद
रैपुरा के ग्राम प्रधान राकेश कश्यप ने बताया कि गांव में दो दिन से पानी भरा है, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप है। जानवरों को गांव से बाहर ऊंचे स्थानों पर बांधा गया है। बुधवार को प्रशासन की ओर से स्टीमर के माध्यम से राशन वितरण किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि खेतों में लगी हरी सब्ज़ियों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
सहसवान क्षेत्र के चार गांव भी प्रभावित
सहसवान की खागी नगला, वीर सहाय नगला, भमरौलिया और तौफिया नगला गांवों में तीन से चार फीट पानी भर गया है। घरों के निचले हिस्से और सड़कों पर पानी है। चारों गांवों की करीब 4,000 आबादी प्रभावित हुई है। कुछ ग्रामीण जरूरी सामान सिर पर लादकर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। तौफिया नगला गांव में कई लोगों के घरों तक पानी पहुंच चुका है, लेकिन वे अभी भी वहीं रह रहे हैं।
प्रशासन की अपील: सुरक्षित स्थानों पर जाएं
एसडीएम प्रेमपाल सिंह ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर ग्रामीणों से अपील की कि वे सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। उन्होंने सिठौलिया पुख्ता, कमनपुर बेला, जरीफपुर गढ़िया और औरंगाबाद टप्पा जामनी में आश्रय स्थलों की व्यवस्था करवाई है और क्षेत्रीय कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है।
ग्रामीण बोले- प्रबंधन नाकाफी, हालात खराब
वीरसहाय नगला के ज्ञानचंद्र ने कहा कि गंगा का कटाव तेज़ी से गांव की ओर हो रहा है और लोग घर खाली कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए। गोपाल नामक ग्रामीण ने बताया कि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं और चार साल से कोई समाधान नहीं निकल पाया है। जियो ट्यूब लगवाने की मांग भी अधूरी है।
अटेना पुल पर भी बाढ़ का पानी
दातागंज तहसील के गंगा पार आठ गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। उसहैत-जटा मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गया है और इन गांवों का तहसील से संपर्क कट चुका है। अटेना घाट पुल पर भी पानी पहुंच गया है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। अगर जलस्तर और बढ़ा तो फर्रुखाबाद जाने का रास्ता भी बंद हो सकता है। कछला गंगा घाट की दुकानों को प्रशासन ने एहतियातन हटवा दिया है।