उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की तस्वीर तेजी से बदल रही है। राज्य में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, और नौ बड़ी कंपनियों ने अब तक 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। इन निवेशों से करीब 8,000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

चार प्रमुख कंपनियों को अब तक लेटर ऑफ कंफर्मेशन देने की मंजूरी मिल चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बेहतर कानून-व्यवस्था, मजबूत बुनियादी ढांचा और निवेशकों के लिए मिलने वाली सहूलियतों के कारण उत्तर प्रदेश अब उद्योगपतियों की पहली पसंद बन गया है।

सूत्रों के अनुसार, रेडिको खेतान 591 करोड़ रुपये की निवेश राशि से सीतापुर में अपनी इकाई स्थापित करेगी और अनुदान के लिए आवेदन कर चुकी है। आक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाली आइनाक्स एपी 200 करोड़ रुपये के निवेश से रायबरेली में अपनी इकाई लगाएगी। आरएसपीएल लिमिटेड कानपुर में 103 करोड़ रुपये से घड़ी और साबुन निर्माण का काम करेगी, वहीं चौबेपुर में डिटर्जेंट पाउडर की नई इकाई बनाएगी। एबिस एक्सपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हाथरस में 164 करोड़ रुपये की हैचरी यूनिट लगाएगी।

सौर ऊर्जा क्षेत्र में भी निवेश बढ़ रहा है। एलएनके ग्रीन सोलर सेल और सीईएससी ग्रीन पावर लिमिटेड सोलर प्लांट और उपकरणों के निर्माण के लिए आवेदन कर चुके हैं। पक्का लिमिटेड 676 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

अयोध्या में पेपर, पल्प, मोल्डेड उत्पाद और लुग्दी से जुड़ी इकाई स्थापित होगी और इसे कैपिटल सब्सिडी का लाभ मिलेगा। गैलेंट इस्पात गोरखपुर में 765 करोड़ रुपये से इकाई का विस्तार करेगी। इसके अलावा सीआरडी फूड्स एंड बेवेरेजस मथुरा में 363 करोड़ रुपये की इकाई लगाएगी और आरसीसीपीएल रायबरेली में 550 करोड़ रुपये से नई इकाई बनाएगी, जिसे राज्य जीएसटी सब्सिडी का लाभ मिलेगा।

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह 10,000 करोड़ रुपये का निवेश न केवल प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को देश के प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।