उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के भलुअनी थाना क्षेत्र के पटखौली गांव में तंत्र-मंत्र की आड़ में एक नौ वर्षीय मासूम की हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया है। पुलिस ने शनिवार को इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

मृतक आरुष का अपहरण 16 अप्रैल को किया गया था। जांच में सामने आया कि उसकी बलि देने के उद्देश्य से पहले अगवा किया गया, फिर तीन दिन बाद 19 अप्रैल को उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई और शव को सरयू नदी में फेंक दिया गया।

परिवार का करीबी निकला मासूम का कातिल

पुलिस के अनुसार, इस जघन्य वारदात में शामिल मुख्य आरोपी आरुष का सगा फूफा इंद्रजीत गोंड है, जो गोंडा जिले में सिपाही के पद पर तैनात है। उसके साथ गोरखपुर निवासी रमाशंकर, डुमरी (मदनपुर) निवासी झाड़-फूंक करने वाला जयप्रकाश गोंड और परसिया मिसकारी निवासी भीम गोंड को गिरफ्तार किया गया है।

बलि के लिए रची गई थी साजिश

पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि शादी के बाद इंद्रजीत के ससुराल में उस पर 'देवी का साया' होने की बात कही जाने लगी थी। इसके बाद उसके मामा जयप्रकाश ने देवी को शांत करने के लिए नरबलि की सलाह दी। इंद्रजीत ने अपने साढ़ू रमाशंकर के जरिए 50 हजार रुपये में बच्चे की ‘व्यवस्था’ कराई। रमाशंकर ने अपने साले के बेटे आरुष को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया और एक दिन तक अपने घर में छिपाकर रखा।

बाद में भीम गोंड के माध्यम से आरुष को इंद्रजीत तक पहुंचाया गया। 19 अप्रैल को पिपरा चंद्रभान गांव के पास एक बागीचे में तीनों ने मिलकर चाकू से गला काटकर उसकी हत्या की और शव को दफना दिया। अगले दिन शव निकालकर बोरे में बंद किया गया और बरहज के गौराघाट से नदी में फेंक दिया गया।

कोर्ट के निर्देश पर तेज हुई जांच

शुरुआत में अपहरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी जब जांच में प्रगति नहीं हुई तो परिजनों ने हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की कार्रवाई में तेजी आई। एसपी विक्रांत वीर के मुताबिक, 1 अगस्त को जयप्रकाश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ।

शव की तलाश जारी, पुलिस पर उठे सवाल

वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी आरुष के शव को सरयू नदी में फेंककर लौट आए। पुलिस अब एसडीआरएफ और गोताखोरों की मदद से नदी में शव की तलाश कर रही है, लेकिन दो दिन की मशक्कत के बाद भी सफलता नहीं मिली है। खुलासे में देरी को लेकर पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अदालत हस्तक्षेप नहीं करती, तो शायद यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाता।

मां बेसुध, गांव में गुस्सा और दहशत

वारदात का खुलासा होते ही गांव में मातम पसर गया है। आरुष की मां सविता देवी सदमे में हैं और बार-बार बेहोश हो रही हैं। नाइजीरिया में कार्यरत पिता योगेश गोंड बेटे के लापता होने की सूचना पर पहले ही गांव लौट आए थे। उन्होंने और उनकी पत्नी ने हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है।

घिनौनी वारदात के बाद परिवार पर शक

गांव वालों का कहना है कि आरोपी इंद्रजीत वारदात के बाद भी पीड़ित परिवार के घर आता-जाता रहा। उसने एक बार आरुष की मां से फोन पर कहा था, "अगर मुझसे कोई गलती हो जाए तो क्या आप माफ कर देंगी?" लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि कातिल घर का ही निकलेगा।

इंद्रजीत का परिवार पहले भी विवादों में

स्थानीय लोगों ने बताया कि इंद्रजीत का परिवार पहले भी आपराधिक मामलों में घिरा रहा है। उसका चचेरा भाई गुजरात में एक बच्ची की हत्या के आरोप में जेल में बंद है। वहीं, परिवार के एक अन्य सदस्य पर गांव की लड़की को भगा ले जाने और बाद में छोड़ देने के आरोप हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि पूरे परिवार की जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।