रेतीली धरती पर बसे तिगरीधाम का गंगा मेला एक बार फिर आस्था और उत्सव का अद्भुत संगम बन गया है। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर यहां का हर कोना श्रद्धा, संगीत और उल्लास से सराबोर नजर आया। गंगा की लहरों के साथ हवन की आहुतियां, साधु-संतों के भजन और भक्तों की जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा।

सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब घाटों की ओर उमड़ पड़ा। रानी लक्ष्मीबाई घाट नंबर 19 पर महिलाओं की भीड़ ने गंगा स्नान का पवित्र अवसर और भी खास बना दिया। वहीं, पहली बार स्थापित की गई ‘टेंट सिटी’ श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही, जहां गंगा सेवा और सत्संग का माहौल देखने को मिला।

सूर्योदय से पहले साधु-संत गंगा में डुबकी लगाकर अपनी-अपनी धुनियों की ओर बढ़ते दिखाई दिए। मेले में भक्तों के चेहरों पर जमी धूल श्रद्धा की चमक को भी मात दे रही थी। बच्चे रेत में खेलते दिखे, महिलाएं मीना बाजार में सॉफ्टी और चाट-पकौड़ी का स्वाद लेती नजर आईं, तो बैंड-बाजे की धुन पर श्रद्धालु झूमते रहे।

मेले की सुरक्षा और व्यवस्था पर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखा। एसपी अमित कुमार आनंद घुड़सवारी के साथ सुरक्षा की कमान संभाले रहे, जबकि डीएम निधि गुप्ता वत्स लगातार दिशा-निर्देश देते हुए व्यवस्थाओं का निरीक्षण करती रहीं। नगर पालिका ईओ डॉ. ब्रजेश कुमार स्वयं भक्त की तरह सेवाभाव में लगे रहे।

टेंट सिटी के स्वामी शिवम कुमार ने बताया कि पहली बार मेले में कुंभ की तर्ज पर टेंट सिटी बसाई गई है। उन्होंने कहा, “मां गंगा की कृपा रही तो अगले वर्ष यह मेला और भी भव्य रूप में नजर आएगा।”

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
गंगा तट पर चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मेले के माहौल को और जीवंत बना दिया। सोमवार रात हरियाणवी गायिका रुचिका जांगिड़ के लाइव परफॉर्मेंस ने दर्शकों को देर रात तक थिरकने पर मजबूर कर दिया। उनके गीतों पर जमकर तालियां और हूटिंग की गूंज उठी।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि यह लगातार पांचवां वर्ष है जब वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन इस बार रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ी है। दूर-दूर से आए श्रद्धालु गंगा दर्शन के साथ भारतीय संस्कृति और संगीत के इस अनोखे संगम का हिस्सा बनकर अभिभूत नजर आए।

गंगा तट की रेत पर आस्था, भक्ति और उल्लास का यह मेला तिगरीधाम की ऐतिहासिक परंपरा को एक बार फिर जीवंत कर गया।