बरेली में हाल ही में हुई हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे आम आदमी पार्टी (आप) के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने लखनऊ में ही रोक दिया। सोमवार सुबह पार्टी कार्यालय से रवाना होते समय पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को बाहर निकलने से रोक दिया, जिसके बाद मौके पर हंगामा और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

पुलिस ने आप नेताओं नदीम अशरफ और सरबजीत मक्कड़ को हाउस अरेस्ट कर लिया, जबकि इमरान लतीफ को गोमती नगर स्थित पार्टी कार्यालय पर ही रोक दिया गया। प्रशासन को पहले से ही आप प्रतिनिधिमंडल के बरेली रवाना होने की जानकारी थी, जिसके चलते सुबह से ही पुलिस तैनाती कर दी गई थी।

इधर, पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “न कोई आदेश, न कोई कानून। यूपी पुलिस मनमाने तरीके से लोकतांत्रिक आवाज उठाने से रोक रही है। बरेली के पीड़ितों से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही, जबकि नफरत फैलाने और गुंडागर्दी करने वालों को खुली छूट है।”

संजय सिंह ने आगे कहा कि “पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं — बौद्ध प्रांत अध्यक्ष इमरान लतीफ, अयोध्या प्रांत अध्यक्ष विनय पटेल, मुख्य प्रवक्ता वंशराज दुबे और अभिषेक सिंह — को बिना किसी आदेश के रोका गया है। तानाशाही के खिलाफ AAP की आवाज दबाई नहीं जा सकती।”

उधर, दिल्ली से बरेली जाने की तैयारी कर रहे पार्टी के पूर्व विधायक दिलीप पांडेय के संबंध में भी माना जा रहा है कि उन्हें यात्रा की अनुमति मिलने की संभावना बेहद कम है।

गौरतलब है कि 26 सितंबर को बरेली में हुई हिंसा के बाद सियासी हलचल लगातार तेज है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को भी पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर बरेली जाने से रोक दिया था। आम आदमी पार्टी ने सरकार की इस नीति को “दमनकारी” बताते हुए आगे भी अपना विरोध जारी रखने की घोषणा की है।