बरेली में बवाल के आरोपियों और उनके सहयोगियों की संपत्तियों पर प्रशासन की नजर बनी हुई है। अब तक लगभग 170 करोड़ रुपये की संपत्तियां सील की जा चुकी हैं और अधिकारियों का कहना है कि शासन के संकेत मिलने पर इन संपत्तियों पर बुलडोजर भी चल सकता है। हाल ही में मौलाना तौकीर रजा के करीबी डॉ. नफीस के जखीरा स्थित बरातघर को ध्वस्त किया गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि कार्रवाई किसी भी स्तर तक जा सकती है।
पीलीभीत रोड पर आरिफ के फहम लान, फ्लोरा गार्डन और उसकी पत्नी के स्काई लार्क होटल, नरियावल स्थित शराफत का बरातघर पहले ही बीडीए द्वारा सील किया जा चुका है। वहीं, नौमहला मस्जिद के पास नदीम की चार दुकानों को भी सील किया गया। नगर निगम ने नावल्टी चौराहे पर मजार की आड़ में बनी 74 दुकानों को सील कर प्रशासनिक कार्रवाई के दायरे में लाया है। अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था के उल्लंघन करने वालों को सबक सिखाया जाएगा।
नौमहला मस्जिद के पास सील की गई दुकानों में से कुछ दुकानें चल रही थीं। दुकानदारों ने रविवार को अंजुमन इस्लामिया कमेटी के कार्यालय जाकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई और बीडीए से दुकान खोलने का भरोसा लिया।
मौलाना तौकीर और उनके करीबी आईएमसी की आड़ में अवैध संपत्तियों का साम्राज्य खड़ा कर चुके हैं। अब बीडीए और नगर निगम इनके अवैध निर्माणों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। बिहारीपुर, किला क्षेत्र, फाइक एन्क्लेव कॉलोनी, पीलीभीत रोड और स्वालेनगर के आसपास कई मकान और बरातघर अवैध पाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन सभी संपत्तियों की समीक्षा के बाद बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी।
मौलाना के करीबी नफीस खां और नदीम खां ने आईएमसी से जुड़े होने के बाद मार्केट और अन्य संपत्तियों का निर्माण किया। अब इन सभी पर प्रशासन सख्ती दिखाने के मूड में है और जल्द ही कानूनी कार्रवाई शुरू होने की संभावना है।