आगरा के ताजगंज इलाके की रामरघु एग्जॉटिका कॉलोनी में 12 अक्टूबर 2023 को बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर सचिन उपाध्याय की गला दबाकर हत्या के मामले में कोर्ट ने उनके ससुर बिजेंद्र रावत, साले कृष्णा रावत और पत्नी प्रियंका उर्फ मोना को दोषी करार दिया है। एडीजे-17 नितिन ठाकुर की अदालत में बुधवार को सजा पर सुनवाई होगी। तीनों दोषियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।

मामले का ब्यौरा

थाना मंसुखपुरा के टीकतपुरा निवासी सचिन उपाध्याय की शादी फरवरी 2015 में बालूगंज निवासी बिजेंद्र रावत की बेटी प्रियंका से हुई थी। सचिन पहले गुजरात में बैंक की शाखा में मैनेजर थे। विवादों के कारण वे शमसाबाद स्थित शाखा में तैनात हो गए। वर्ष 2020 से दोनों रामरघु एग्जॉटिका में रह रहे थे।

सचिन ने अपने भाई गौरव के नाम पर पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया, जिस पर पत्नी प्रियंका नाराज हुई। 11 अक्टूबर को उन्होंने यह बात घरवालों से साझा की। 12 अक्टूबर की शाम सचिन के ससुर बिजेंद्र रावत ने उनके पिता को फोन कर सचिन की मौत की जानकारी दी। मौके पर पहुंचने पर पिता ने देखा कि शरीर पर चोट के निशान थे।

पोस्टमार्टम और जांच

तत्कालीन डीसीपी सिटी ने डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में मौत गला दबाने से हुई बताई गई, जबकि शरीर पर छह चोटों के हल्के जले निशान भी पाए गए। जनवरी 2024 में आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिसमें बिजेंद्र रावत को आपराधिक षड्यंत्र का आरोपी बनाया गया, जबकि प्रियंका और कृष्णा को हत्या और सबूत मिटाने का आरोप लगा।

पुलिस ने डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए और पता चला कि हत्या के बाद इसे आत्महत्या बताने का प्रयास किया गया।

हत्या की वजह

पुलिस विवेचना में पाया गया कि घटना के पीछे पारिवारिक कलह थी। पत्नी को पति का अपने परिवार से मिलना पसंद नहीं था। सचिन के पिता के अनुसार, बेटे की हत्या 11 अक्टूबर को ही कर दी गई थी और अगले दिन उन्हें सूचना दी गई।

कार्रवाई

  • 12 अक्टूबर 2023: मृतक के परिजनों ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई।

  • 20 अक्टूबर 2023: कृष्णा रावत को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

  • 29 अक्टूबर 2023: बिजेंद्र रावत और प्रियंका को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया।

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 18 गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष ने पांच गवाहों को कोर्ट में बुलाया।

सचिन उपाध्याय की हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी थी और कोर्ट का यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए न्याय की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।