बहुजन समाज पार्टी में फिर से वापसी के बाद और राष्ट्रीय मुख्य समन्वयक का दायित्व संभालने के बाद आकाश आनंद अब संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में जुट गए हैं। पटना में छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वह 27 जुलाई को जालंधर (पंजाब) और जम्मू-कश्मीर में पार्टी संगठन की स्थिति की समीक्षा करेंगे। इस दौरे के जरिए वे दोनों क्षेत्रों में पार्टी की पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
बसपा नेतृत्व ने उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है। राज्य में आकाश की रैलियों को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह है और लगातार मांग भी उठ रही है। हालांकि इन कार्यक्रमों को बसपा सुप्रीमो मायावती की स्वीकृति के बाद ही अंतिम रूप दिया जाएगा। दरअसल, राष्ट्रीय समन्वयक बनाए जाने के बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता को लेकर सवाल उठने लगे थे, क्योंकि वे केवल मायावती के बयानों को दोहराते नजर आ रहे थे।
पार्टी से निष्कासन का सामना भी कर चुके हैं
लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई राज्यों में कैडर कैंप और जनसभाओं के जरिए जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। हालांकि सीतापुर की एक रैली में दिए गए भड़काऊ भाषण के चलते उन्हें पार्टी की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की भूमिका को लेकर भी विवाद हुआ था, जिसके चलते मायावती ने दोनों को पार्टी से बाहर कर दिया था।
अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर बाकी राज्यों में संगठन को मजबूत करने की कोशिश में आकाश एक बार फिर से सक्रिय हो चुके हैं।