लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की विद्युत व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती और दरों में वृद्धि से आम जनता का जीवन कठिन हो गया है और पावर कारपोरेशन अपने नियमों की अनदेखी कर रहा है।
बिजली कनेक्शन और मीटर व्यवस्था में गड़बड़ी
अखिलेश यादव ने बताया कि 10 सितंबर से 6 अक्टूबर तक प्रदेश में 1.74 लाख नए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन हुए, लेकिन बढ़ी दरों के कारण 37,043 आवेदकों के मामले लंबित रह गए। उन्होंने कहा कि विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़े मामलों में अंतिम निर्णय तक राशि लौटाने का अनुरोध किया है।
यादव ने आरोप लगाया कि उपभोक्ताओं को प्रीपेड या पोस्टपेड मीटर में चुनाव का अधिकार है, लेकिन विभाग अपनी मनमानी कर रहा है। पावर कारपोरेशन के घाटे की भरपाई उपभोक्ताओं से करवाने की कोशिश की जा रही है। नए कनेक्शन के साथ प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे गरीबों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है।
महंगाई और सरकारी नीति पर तीखा हमला
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने एक यूनिट बिजली का उत्पादन भी नहीं किया, फिर भी उपभोक्ताओं से महंगी बिजली वसूल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में 1 किलोवाट लोड पर कनेक्शन शुल्क 1,172 रुपये से बढ़ाकर 6,216 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुनाफाखोरी, ठेके और कंपनियों से कमीशनखोरी की वजह से बिजली महंगी हो गई और आम जनता की मुश्किलें बढ़ी हैं।
यादव ने चेतावनी दी कि यदि पावर कारपोरेशन की मनमानी और महंगाई पर तुरंत नियंत्रण नहीं हुआ, तो उपभोक्ताओं के खिलाफ गंभीर आंदोलन किया जाएगा।