लखनऊ में ठाकुर समुदाय के विधायकों की हालिया बैठक ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस बैठक में प्रदेश के 49 में से 43 ठाकुर विधायक शामिल हुए। राजनीतिक गलियारों में इसे समुदाय के भीतर संभावित राजनीतिक गठजोड़ के तौर पर देखा जा रहा है, हालांकि इसे लेकर अटकलें भी तेज हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि यह बैठक सरकार बचाने के लिए नहीं हो रही होगी, बल्कि इसका मतलब है कि किसी की कुर्सी हिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2027 से पहले पार्टी के भीतर नेताओं के बीच आंतरिक टकराव देखने को मिलेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि बीजेपी में PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) समुदाय से जुड़े नेता घुटन महसूस कर रहे हैं और उन्हें पार्टी में स्पष्ट राजनीतिक भविष्य नहीं दिख रहा है।
विकास के मुद्दे पर उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला किया। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रवासी हैं और बीजेपी का विजन केवल अच्छी चीजों को रोकने तक सीमित है, जबकि विकास के कोई ठोस कार्यक्रम नहीं हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अन्याय झेल रही फूलन देवी को सांसद बनाया था और सवाल उठाया कि उनकी हत्या में शामिल लोग कौन थे।
अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार के प्राइमरी स्कूलों के मर्जर फैसले की भी आलोचना की। उनका आरोप है कि सरकार ने हजारों प्राथमिक स्कूल बंद किए, जिससे PDA परिवार के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उनका कहना है कि यह कदम केवल बूथ प्रबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। अखिलेश ने कहा कि अगर बीजेपी का कोई विजन होता, तो पिछले नौ वर्षों में किए गए कामों को आगे बढ़ाया जाता और उत्तर प्रदेश एक विकसित राज्य बनता।