लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने रविवार को दावा किया कि उन्हें भाजपा में शामिल होने और योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बनने का ऑफर मिला था। शिवपाल ने कहा कि यह प्रस्ताव सीधे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिया था, न कि किसी राज्य स्तरीय भाजपा नेता ने। अमित शाह ने उन्हें दिल्ली बुलाया भी था, लेकिन शिवपाल ने यह ऑफर ठुकरा दिया। उनका कहना है कि वह पहले ही कई बार मंत्री रह चुके हैं और उनके लिए नए पद लेने का कोई अर्थ नहीं था।
शिवपाल ने बताया कि 2017 से ही वे भाजपा के संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि अमित शाह परिवार में मतभेद बनाए रखने के पक्ष में थे और उनसे लगातार संपर्क बनाए रखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता हमेशा समाजवादी विचारधारा और परिवार की नीतियों के साथ रही।
इसके अलावा, शिवपाल ने कहा कि उन्होंने अपनी अलग पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहीया), सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के सुझाव पर बनाई थी। बाद में यह पार्टी 2022 में समाजवादी पार्टी में विलय कर दी गई।
शिवपाल ने बताया कि उनके और अखिलेश के बीच दूरी 2012 के विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हुई थी। उस समय उन्होंने सुझाव दिया था कि मुलायम सिंह यादव एक साल मुख्यमंत्री रहें और उसके बाद अखिलेश पद संभालें। लेकिन अखिलेश और रामगोपाल यादव की जिद के कारण अखिलेश को मुख्यमंत्री बना दिया गया, जिससे दोनों के बीच दरार बढ़ी।