बाराबंकी जिले के एक युवक को हत्या के मामले में जेल भेजे जाने से आक्रोशित परिवार के आठ सदस्य गुरुवार दोपहर विधान भवन के सामने आत्मदाह की कोशिश करने पहुंचे। इसी दौरान एक महिला ने अपने ऊपर पेट्रोल भी छिड़क लिया, लेकिन मौके पर मौजूद आत्मदाह निरोधक दस्ते ने सभी को समय रहते पकड़ लिया और घटना को टाल दिया।
सुरक्षा टीम की तत्परता से टली घटना
डीसीपी मध्य डॉ. आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, बाराबंकी के घुंघटेर बजगैनी गांव निवासी जानकी प्रसाद गुरुवार दोपहर करीब दो बजे अपने परिवार के सात अन्य सदस्यों के साथ विधान भवन गेट नंबर-4 पर पहुंचे। इस दौरान बहू रामदुलारी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। स्थिति को भांपते हुए मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर सभी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद सभी को हजरतगंज थाने ले जाया गया।
परिजनों ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
पूछताछ में जानकी प्रसाद ने बताया कि उनके बेटे संतोष को बाराबंकी पुलिस ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने संतोष को गलत तरीके से फंसाया और तमाम शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। न्याय की मांग को लेकर वे लोग लखनऊ पहुंचे थे।
डीसीपी ने बताया कि बाद में बाराबंकी पुलिस की टीम पूरे परिवार को अपने साथ ले गई।
ये लोग पहुंचे थे आत्मदाह की कोशिश करने
आत्मदाह की कोशिश करने वालों में जानकी प्रसाद, उनकी पत्नी उर्मिला देवी, बहू रामदुलारी, पुत्र अंकित, रिश्तेदार पुष्पा देवी, पूनम देवी, मड़ियांव निवासी पंकज और जानकीपुरम निवासी सरिता भारती शामिल थे।
हत्या के मामले में संतोष को किया गया था गिरफ्तार
एएसपी उत्तर बाराबंकी विकास चंद्र त्रिपाठी के अनुसार, 20 जून को अरविंद लोध नामक व्यक्ति की हत्या हुई थी। इस मामले में पुलिस ने संतोष और उसके सहयोगी बृजेश कुमार को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में यह सामने आया कि संतोष के अपनी चाची से अवैध संबंध थे, जिसे लेकर विवाद हुआ और उसने तार से गला घोंटकर अरविंद की हत्या कर दी।