उत्तर प्रदेश में स्टांप चोरी के मामलों ने चौंकाने वाला रुझान दिखाया है। बड़े महानगरों की तुलना में छोटे जिले इस मामले में कहीं आगे निकल आए हैं। अयोध्या जहाँ छोटे जिलों में शीर्ष पर है, वहीं प्रयागराज महानगरों में सबसे अधिक स्टांप चोरी के मामलों वाला शहर बन गया है। इसके मुकाबले लखनऊ, मेरठ, आगरा, नोएडा और कानपुर जैसे बड़े शहर पीछे नज़र आते हैं।
प्रदेश में 53 हजार से अधिक मामले लंबित
स्टांप एवं निबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेशभर में स्टांप चोरी के कुल 53,816 मामलों में से 51,922 का निस्तारण अभी तक नहीं हो पाया है। प्रयागराज में 3,175 और अयोध्या में 3,077 मामले दर्ज हैं, जो इन्हें सूची में सबसे ऊपर रखता है।
अयोध्या में राममंदिर निर्माण और बढ़ती जमीन कीमतों ने रियल एस्टेट गतिविधियाँ तेज कर दी हैं। इसी के चलते कथित तौर पर रजिस्ट्री में जमीन की कीमत कम दिखाकर स्टांप ड्यूटी बचाने की कोशिशें बढ़ी हैं। यही रुझान अमेठी, सुल्तानपुर, बाराबंकी और अंबेडकरनगर जैसे आसपास के जिलों में भी देखने को मिला है।
प्रयागराज स्टांप चोरी में नंबर-1
प्रयागराज में शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जमीन के दाम बढ़ रहे हैं। पुराने बंटवारे, समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ी जमीनों और विवादित भूखंडों की खरीद-फरोख्त में पहले से गड़बड़ियों की चर्चा रही है। अब इन मामलों में स्टांप चोरी के नए आरोप भी जुड़ते जा रहे हैं, जो इसे प्रदेश में सबसे ऊपर ले आए हैं।
महानगरों में बेहतर निगरानी, इसलिए कम मामले
नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ और आगरा जैसे शहरों में जमीनें महंगी होने के बावजूद स्टांप चोरी के मामले कम हैं। विभाग का मानना है कि बड़े शहरों में डिजिटल रजिस्ट्री, बेहतर मॉनिटरिंग और समय-समय पर सर्किल रेट अपडेट होने के कारण अनियमितताओं की गुंजाइश कम हो जाती है।
बुंदेलखंड में सबसे कम मामले
बुंदेलखंड के जिले - झांसी, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन, महोबा और हमीरपुर में केवल 657 केस दर्ज हुए हैं। जमीनें अपेक्षाकृत सस्ती होने के कारण यहाँ स्टांप चोरी की घटनाएँ न्यूनतम पाई गई हैं।
महानगरों में स्टांप चोरी (मुख्य आंकड़े)
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प्रयागराज – 3175
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लखनऊ – 1793
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गाजियाबाद – 1610
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मेरठ – 1611
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गोरखपुर – 1613
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वाराणसी – 1324
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नोएडा – 1293
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आगरा – 1049
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कानपुर नगर – 977
छोटे जिलों में स्टांप चोरी (मुख्य आंकड़े)
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अयोध्या – 3077
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जौनपुर – 2107
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गोंडा – 1470
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मथुरा – 1446
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आजमगढ़ – 1236
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बलिया – 1230
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कुशीनगर – 1175
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मैनपुरी – 969
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बाराबंकी – 849
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हाथरस – 828