अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या महायोजना 2031 की समीक्षा बैठक में कहा कि इस योजना में भव्यता, आस्था और आधुनिकता का समन्वय स्पष्ट रूप से दिखना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि शहर में अनियोजित प्लाटिंग और अव्यवस्थित बसावट पर रोक लगाई जाए और सभी विकास कार्य महायोजना के अनुरूप ही किए जाएं।

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या को सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सतत विकास का आदर्श मॉडल बनाते हुए इसे विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं में शहर की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या को ग्लोबल स्पिरिचुअल, नॉलेज और फेस्टिव सिटी के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही यहां तीर्थ अनुकूल अवसंरचना, हेरिटेज वॉक, ऐतिहासिक सर्किट, और हरित व सौर ऊर्जा आधारित नगरी की परिकल्पना की गई है।

महायोजना के तहत अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोनों में विभाजित किया गया है। इसमें 52.56% भूमि आवासीय, 5.11% वाणिज्यिक, 4.65% औद्योगिक, 10.28% सार्वजनिक उपयोग, 12.20% परिवहन और 14.31% हरित व खुले क्षेत्रों के लिए आरक्षित की गई है। मुख्यमंत्री ने पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्गों पर धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क, रेल और वायु मार्ग से उत्कृष्ट संपर्क के साथ अयोध्या में आतिथ्य क्षेत्र के आधुनिकीकरण से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए लखनऊ, प्रयागराज, गोंडा और अंबेडकरनगर की दिशाओं में बस और ट्रक पार्किंग विकसित की जाएगी। साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए भूमि चिन्हित करने को कहा गया।

उन्होंने निर्देश दिए कि सरयू नदी के तटों और हरित पट्टियों का संरक्षण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “अयोध्या केवल एक नगर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। इसे ऐसा स्वरूप दें कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का केंद्र बने।”

महायोजना के अनुसार, वर्तमान में अयोध्या की जनसंख्या लगभग 11 लाख है, जो वर्ष 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इस दृष्टि से नई आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेंपल म्यूजियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, होटल और आधुनिक नागरिक सुविधाएं योजना में शामिल की गई हैं।

अयोध्या विकास क्षेत्र में फिलहाल 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें 8594 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं के माध्यम से अयोध्या को स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।