रामपुर। सपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां की वाई श्रेणी सुरक्षा व्यवस्था फिर से बहाल कर दी गई है। इस सुरक्षा को शासन ने उन्हें सजा सुनाए जाने से पहले प्रदान किया था, लेकिन दो जन्म प्रमाणपत्र प्रकरण में सजा होने के बाद सुरक्षाकर्मी हट गए थे। अब हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पूर्ववत व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस बीच, शासन स्तर पर यह चर्चा चल रही है कि सजायाफ्ता नेता को वाई श्रेणी की सुरक्षा देना उचित है या नहीं। जिला पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है और खुफिया विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है।

मोहम्मद आजम खां दस बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं तथा चार बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं। भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी उन्हें वाई श्रेणी सुरक्षा दी गई थी, हालांकि उस समय उनके खिलाफ अदालत ने सजा नहीं सुनाई थी। 18 अक्टूबर 2023 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तजीन फातिमा सहित आजम खां को दो-दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने और उनका अनुचित उपयोग करने के मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद तीनों को जेल भेज दिया गया था और सुरक्षा हट गई थी।

जमानत मिलने के बाद आजम खां की सुरक्षा बहाल की गई है, लेकिन शासन अब इस विषय पर नए सिरे से विचार कर रहा है। जिले में सुरक्षा प्रदान करने के लिए सुरक्षा समिति गठित है। एसपी विद्या सागर मिश्र के अनुसार, जिला स्तर पर किसी को 15 दिन तक सुरक्षा दी जा सकती है, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। यदि आवश्यकता बनी रहती है, तो मंडल स्तर की कमेटी तीन महीने तक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है, और उसके बाद शासन स्तर से अंतिम निर्णय लिया जाता है।

वाई श्रेणी सुरक्षा में आमतौर पर आठ से 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल हो सकते हैं। इसमें बुलेटप्रूफ वाहन और निजी सुरक्षा अधिकारी भी होते हैं। यह सुरक्षा उन व्यक्तियों को दी जाती है जिन्हें मध्यम स्तर का खतरा माना जाता है।