बरेली के भोजीपुरा क्षेत्र के फत्तेपुर गांव में शुक्रवार सुबह करीब दस बजे पांच साल की मासूम बच्ची कुत्तों के हमले में जख्मी हो गई। चेहरे पर चोटें आने के बाद परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसका उपचार किया गया और एआरवी लगाई गई। बच्ची घर के बाहर खेल रही थी, तभी कुत्तों ने उस पर हमला किया। आसपास के लोगों ने कुत्तों को भगाकर बच्ची को बचाया।
नगर निगम के इंतजाम नाकाफी
शहर में आक्रामक कुत्तों से निपटने के नगर निगम के उपाय पर्याप्त नहीं हैं। हर वार्ड में बच्चे और बड़े लगातार कुत्तों के काटने के मामलों का शिकार हो रहे हैं। एआरवी लगवाने आए लोगों की संख्या इसका प्रमाण देती है। नगर निगम के पास केवल 50 कुत्तों को पकड़कर रखने की क्षमता है और शहर में कितने कुत्तों की नसबंदी हुई, इसका रिकॉर्ड भी नहीं है।
एबीसी सेंटर तैयार, लेकिन संचालन अधूरा
परसाखेड़ा में 1.81 करोड़ रुपये की लागत से बने एबीसी सेंटर में 150 कुत्तों को रखने की व्यवस्था है। भवन का लोकार्पण चार महीने पहले हो चुका है, लेकिन अब तक कुत्तों को यहां नहीं रखा जा सका क्योंकि संचालन के लिए किसी स्वयंसेवी संस्था या फर्म का चयन नहीं हुआ।
उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नैन सिंह ने बताया कि एबीसी सेंटर के संचालन के लिए निजी संस्था चयन प्रक्रिया में है। शासन के निर्देशों के अनुरूप आक्रामक और हिंसक कुत्तों पर कार्रवाई की जाएगी। नया सेंटर चालू होने पर 200 कुत्ते पकड़कर रखने की क्षमता होगी।