उत्तर प्रदेश में कम नामांकन वाले 10,827 परिषदीय विद्यालयों के एकीकरण (पेयरिंग) के बाद कुछ स्कूलों में शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से अधिक हो गई है, जबकि कुछ स्थानों पर शिक्षकों की कमी देखी गई है। इस स्थिति को संतुलित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले के भीतर सामान्य तबादले का एक और अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया है।
यह तबादला प्रक्रिया 23 जुलाई से शुरू होगी। जानकारी के अनुसार, जिले के भीतर तबादले के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। यह प्रक्रिया “निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम” के तहत संचालित की जाएगी।
जिला स्तर पर तबादले और समायोजन केवल ग्रामीण सेवा से ग्रामीण सेवा और नगर सेवा से नगर सेवा के बीच ही किए जाएंगे। यू-डायस पोर्टल पर उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर जरूरतमंद और सरप्लस शिक्षकों वाले विद्यालयों की सूची प्रकाशित की जाएगी।
ऐसे विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक, जहां शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से अधिक है, तबादले के लिए समान नियमों के अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे। शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा, जिसमें वे अधिकतम 25 विद्यालयों के विकल्प चुन सकेंगे। कम से कम एक विकल्प देना अनिवार्य होगा। यदि एक ही तिथि को नियुक्त शिक्षकों के बीच चयन करना होगा तो वरिष्ठता का निर्धारण आयु के आधार पर किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी के अनुसार, 23 जुलाई को जरूरतमंद और सरप्लस विद्यालयों की सूची पोर्टल पर उपलब्ध करा दी जाएगी। 24 से 27 जुलाई तक शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करने होंगे और 28 जुलाई तक बीएसए द्वारा उनका सत्यापन किया जाएगा। अंतिम रूप से 30 जुलाई को एनआईसी द्वारा तैयार सॉफ़्टवेयर के माध्यम से तबादला सूची जारी की जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले 30 जून को जिले के भीतर सामान्य तबादलों की प्रक्रिया पूरी की गई थी, जिसमें 20,182 शिक्षकों को तबादले का लाभ मिला था।