लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार को बिजली दरों की नई दरें घोषित कर दी हैं। इस साल भी उपभोक्ताओं को राहत देते हुए किसी भी प्रकार की दर वृद्धि नहीं की गई।
इस निर्णय के साथ उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां लगातार छठे वर्ष बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। वहीं, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब बिजली चोरी पर पूरी तरह से सख्ती बरती जाएगी। आयोग ने निर्देश दिया है कि वितरण हानियां 2024-25 के 13.78% से घटाकर 2029-30 में 10.74% तक लाई जाएं।
ग्रामीण क्षेत्रों में नियम सख्त
ग्रामीण इलाकों में जहां अभी भी बिना मीटर और बिना कनेक्शन बिजली का उपयोग हो रहा है, वहाँ अब पाबंदी लागू होगी। आयोग ने चेताया है कि किसी भी प्रकार की ढिलाई से निगम के घाटे को रोकना मुश्किल हो जाएगा।
उपभोक्ताओं ने जताई खुशी
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस फैसले पर आयोग का आभार व्यक्त किया। वर्मा ने आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर कहा कि यह निर्णय उपभोक्ताओं के हित में अत्यंत न्यायपूर्ण है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बधाई देते हुए कहा कि सीएम ने उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया।
सरप्लस और बिजली दरों का फैसला
इस वर्ष बिजली निगम ने 45% दर वृद्धि का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उपभोक्ता परिषद ने तर्क दिया कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का कंपनियों पर पहले से 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस है। इस साल लगभग 18,592 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सरप्लस सामने आया है। कुल सरप्लस अब 51,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
नोएडा पावर कंपनी के उपभोक्ताओं को राहत
नोएडा पावर कंपनी (एनपीसीएल) के मामले में भी उपभोक्ता परिषद की मांग मान ली गई। आयोग ने नोएडा पावर की बिजली दरें यथावत रखने का निर्णय किया और उपभोक्ताओं को दी जा रही 10% छूट जारी रखने का आदेश भी दिया।