माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने एमपी/एमएलए कोर्ट, मऊ द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगाते हुए उनके खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली है। इस फैसले के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल हो सकती है और मऊ सदर सीट पर उपचुनाव टल गया है।
मामला क्या है?
अभियोजन के अनुसार, 3 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अब्बास अंसारी ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में जनसभा के मंच से प्रशासनिक अधिकारियों को चुनाव के बाद सबक सिखाने और हिसाब-किताब करने जैसी धमकी दी थी। इस बयान को आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण माना गया।
इसके आधार पर शहर कोतवाली में एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई। आरोप था कि उन्होंने दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने और सरकारी कर्मचारियों को धमकाने जैसी बातें कही थीं।
निचली अदालत का फैसला
एमपी/एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी ठहराते हुए विभिन्न समुदायों में वैमनस्य बढ़ाने और लोकसेवक को धमकाने के आरोप में दो साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधायकी पर संकट गहरा गया था।
हाईकोर्ट की दखल
विशेष अदालत द्वारा सजा स्थगन की अर्जी खारिज किए जाने के बाद अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए उनकी सदस्यता पर मंडरा रहे खतरे को टाल दिया है।