बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कांग्रेस और एनडीए दोनों पर ओबीसी समाज के प्रति "दोहरे रवैये" का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी ओबीसी वर्ग की सच्ची हितैषी नहीं रही है। उन्होंने राहुल गांधी के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस सत्ता में रहते हुए ओबीसी समाज के लिए जरूरी कदम नहीं उठा सकी और अब सत्ता से बाहर होकर आत्ममंथन का दिखावा कर रही है।

मायावती ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह स्वीकार करना कि कांग्रेस ने ओबीसी समाज के अधिकारों की अनदेखी की, कोई नई बात नहीं है। उनका यह रवैया पहले भी एससी-एसटी वर्ग के साथ देखा गया है। इसी उपेक्षा के चलते बहुजन समाज को खुद की राजनीतिक पार्टी यानी बसपा खड़ी करनी पड़ी।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की नीयत और नीति में सदैव विरोधाभास रहा है, जिससे आज वह उत्तर प्रदेश सहित कई प्रमुख राज्यों की सत्ता से बाहर हो चुकी है। वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए भी ओबीसी वर्ग के साथ दोहरी नीति अपनाता नजर आता है।

https://twitter.com/Mayawati/status/1948934107914010833

बसपा प्रमुख ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि उसने वर्षों तक एससी-एसटी वर्ग को उनका हक नहीं दिया। डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित करने में भी देर की गई और ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने में दशकों तक विलंब किया गया। सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर बनाए गए बैकलॉग को भी नजरअंदाज किया गया।

मायावती ने कहा कि तथाकथित बड़ी पार्टियां एकजुट होकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को कमजोर करने का प्रयास करती रही हैं। उनका उद्देश्य बहुजन वर्ग को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से निर्बल बनाए रखना है।

अपने बयान के अंत में मायावती ने कहा कि बसपा ही वह पार्टी है जिसने यूपी में चार बार सत्ता में रहते हुए बहुजन समाज और सभी वर्गों के जरूरतमंदों की सुरक्षा, सम्मान और उत्थान के लिए प्रभावी काम किया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कांग्रेस, सपा या अन्य किसी भी दल के झूठे वादों में न आएं और अपने अधिकारों के लिए सजग रहें।