परिषदीय विद्यालयों के विलय पर ब्रेक, 33 स्कूलों में फिर गूंजेगी पढ़ाई की घंटी

बाराबंकी। परिषदीय स्कूलों के विलय के विरोध के बीच जिले के प्राथमिक शिक्षा तंत्र से एक राहत भरी खबर सामने आई है। खराब पहुंच मार्ग, लंबी दूरी और मूलभूत सुविधाओं की कमी जैसे कारणों के चलते बाराबंकी के 33 बंद विद्यालयों में फिर से शिक्षण कार्य शुरू किए जाने की संभावनाएं बनी हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) संतोष देव पांडेय ने इन स्कूलों की सूची जारी करते हुए स्पष्ट किया कि किन कारणों से इनका मर्जर रद्द किया गया है। ग्रामीणों और अभिभावकों की मांग को देखते हुए इन विद्यालयों में परीक्षण के तौर पर कक्षाएं फिर से शुरू की जा रही हैं। कुछ स्कूलों में पढ़ाई पहले ही आरंभ हो चुकी है।

138 स्कूल बंद किए गए थे, लेकिन 30 पर उठी खास मांग

गत शिक्षा सत्र में छात्र संख्या 50 से कम होने के आधार पर जिले के 138 परिषदीय विद्यालयों को बंद कर पास के अन्य स्कूलों में समायोजित कर दिया गया था। हालांकि इस निर्णय के विरोध में अनेक स्थानों पर अभिभावकों और ग्रामीणों ने जोरदार आपत्ति जताई। विशेष रूप से करीब 30 ऐसे विद्यालय रहे, जिनके पुनः संचालन की मांग स्थानीय समुदाय ने मजबूती से उठाई।

नामांकन अभियान ने बदले समीकरण

सिद्धौर ब्लॉक के आरोही और झुलापाही जैसे गांवों में विलय के बाद भी नामांकन में इजाफा हुआ और छात्र संख्या 50 से ऊपर पहुंच गई। इसके चलते इन स्कूलों का मर्जर विवादास्पद बन गया। एक प्रमुख हिंदी दैनिक में मामला प्रकाशित होने के बाद शासन ने इसकी जांच के आदेश दिए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बंदी का निर्णय पिछली छात्र संख्या के आधार पर लिया गया था। लेकिन जुलाई में चले विशेष नामांकन अभियान के दौरान कई बंद विद्यालयों में छात्रों की संख्या पुनः 50 के पार पहुंच गई, जिससे स्थिति बदल गई। इस आधार पर शासन ने 10 विद्यालयों की स्थिति की दोबारा जांच के निर्देश दिए।

36 स्कूलों में शुरू हुई पढ़ाई, बच्चों में उत्साह

बीएसए संतोष देव पांडेय ने ब्लॉक स्तर पर समीक्षा के बाद 33 स्कूलों को चिह्नित किया, जहां फिलहाल परीक्षण के तौर पर शिक्षण कार्य पुनः प्रारंभ किया गया है। सोमवार को मसौली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मदारपुर में स्कूल खुलने पर छात्रों में खासा उत्साह देखा गया।

खंड शिक्षा अधिकारियों ने भेजी रिपोर्ट

सिद्धौर के खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद उपाध्याय ने छूलापाही और अरुई गांव के स्कूलों के पुनः संचालन की अनुशंसा बीएसए को भेजी है। उनके अनुसार इन स्कूलों में नामांकित छात्र अब 50 से अधिक हैं, ऐसे में उन्हें बंद रखना न्यायसंगत नहीं होगा। स्थानीय ग्रामीण भी अपने गांव में ही विद्यालय संचालित किए जाने के पक्ष में हैं।

अंतिम निर्णय रिपोर्ट के आधार पर

बीएसए संतोष देव पांडेय ने बताया कि फिलहाल 36 विद्यालयों में परीक्षण स्तर पर शिक्षण कार्य पुनः शुरू कराया गया है। प्रत्येक पहलू की समीक्षा के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर इन स्कूलों के भविष्य को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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