मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित कबीरधाम पहुंचे, जहां उन्होंने संत कबीर की शिक्षाओं को आत्मसात करने और समाज में एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर ने जातिवाद की बेड़ियों को तोड़ने का काम किया और समाज को समानता का संदेश दिया। उन्होंने कबीरदास की वाणी का उल्लेख करते हुए कहा, “जात-पात पूछे ना कोई, हरि को भजे सो हरि का होइ”, जो आज भी समाज के लिए उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उस समय थी।

योगी ने कहा कि जात-पात और संकीर्ण सोच ने देश को गुलामी के दौर में धकेला था, लेकिन संत कबीर, गुरु रामानंद और रविदास जैसे महापुरुषों ने समाज को जागरूक कर एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि आज भी कुछ लोग समाज को जातीय आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि भारत की शक्ति उसकी एकता में निहित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में जो भी विसंगतियां या बुराइयां हैं, उन्हें संतों के आदर्शों से दूर किया जा सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बीमारी को उसके शुरुआती दौर में ही पहचानना और उसका इलाज करना जरूरी है, अन्यथा वह कैंसर बन जाती है। इसी प्रकार सामाजिक बुराइयों को भी समय रहते खत्म करना होगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आज का भारत अपनी विरासत पर गर्व कर रहा है। दस वर्ष पहले कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनेगा। लेकिन जब एकजुटता होती है, तो असंभव भी संभव बन जाता है।” उन्होंने बताया कि बीते वर्ष छह करोड़ श्रद्धालुओं ने अयोध्या पहुंचकर श्रीरामलला के दर्शन किए, जिससे यह स्थान पुनः जीवंत हो उठा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद भारत ने फिर से वैश्विक पहचान हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति कर रहा है और अब अमेरिका, चीन और भारत विश्व की तीन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना से 50 करोड़ लोगों को लाभ मिला है, जबकि उज्ज्वला, शौचालय और राशन जैसी योजनाओं ने आमजन के जीवन स्तर को बेहतर बनाया है।

योगी ने कहा, “भारत आज अपनी ताकत का अहसास दुनिया को करा रहा है। यह वही राष्ट्र है, जो संतों की शिक्षा और जनशक्ति की एकजुटता से प्रेरित होकर आगे बढ़ रहा है।”