नगीना। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश विकास की दिशा में नहीं, बल्कि विनाश की राह पर अग्रसर है। वाराणसी में जन्म के दो घंटे बाद नवजात और उसकी मां को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि इस सरकार में संवेदनाओं का अभाव है, मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं और कमजोर वर्ग के अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना था कि देश में नेपाल जैसे हालात बनते जा रहे हैं और लोगों का सरकार पर भरोसा कमजोर हो रहा है।
बरेली में प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि सरकार चांद पर जाने की बातें करती है, लेकिन हकीकत कुछ और है। उन्होंने जातिगत जनगणना में आर्थिक आंकड़ों को शामिल करने की आवश्यकता जताई और कहा कि 1931 के बाद पूर्ण जातिगत जनगणना नहीं हुई। उन्होंने मंडल कमीशन की सभी सिफारिशें लागू करने की बात भी कही।
सांसद ने संविधान की अहमियत बताते हुए कहा कि संविधान ही उन्हें सुरक्षित रखता है। उन्होंने सरकारी विभागों में लगातार बिकवाली और नौकरियों में कमी पर भी चिंता जताई।
चुनाव प्रक्रिया पर बोलते हुए आजाद ने कहा कि ईवीएम से लंबे समय से चुनाव हो रहे हैं, जिससे जनता का भरोसा घट रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए।
कृषि संकट पर बात करते हुए सांसद ने बताया कि किसानों पर प्राकृतिक आपदाओं का प्रहार हुआ है, फसलें नष्ट हो रही हैं और गुलदारों के हमलों से किसान खेतों में नहीं जा पा रहे। उन्होंने कहा कि यूरिया की सही व्यवस्था भी सरकार नहीं कर पा रही। उन्होंने बेटियों को बेटों के बराबर शिक्षा और अवसर देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
संतों पर कटाक्ष करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मेरठ में कुछ लोग स्वयं को संत बताकर विवादित बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता को इनकी बातों से सावधान रहना चाहिए।