महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई शहर में मंगलवार दोपहर क्लोरीन गैस के अचानक रिसाव से अफरातफरी मच गई। जहरीली गैस के संपर्क में आने से लोगों को सांस लेने में भारी परेशानी हुई। हादसे में 59 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 18 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

पानी की टंकी के पास काम के दौरान हुआ रिसाव
डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के CEO और रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर सुभाष बागड़े के अनुसार, घटना दोपहर करीब 3.30 बजे दीवानमन श्मशान घाट के पास उस समय हुई जब पानी की एक टंकी के पास कुछ कार्य किया जा रहा था। इसी दौरान 10–15 साल पुराने क्लोरीन सिलेंडर के वाल्व से गैस लीक होने लगी और आसपास के क्षेत्र में तेजी से फैल गई।

दमकल कर्मियों ने हालात संभाले, फिर हुए बेहोश
गैस लीक की सूचना पाते ही सनसिटी फायर स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची और सिलेंडर को बंद करने की कोशिश की। लेकिन जहरीली गैस की चपेट में आने से कई दमकलकर्मी खुद भी बीमार पड़ गए। गैस रोकने के प्रयास में दो फायरमैन—स्वप्निल धग और पंकज सातवी—ने लगातार पानी छिड़ककर गैस फैलने से रोकी और बाद में सिलेंडर को पास के तालाब में फेंक दिया।

19 लोग प्रभावित, एक की मौत
अधिकारियों के अनुसार, कुल 19 लोगों को तीन अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इनमें से देव कांतिलाल पारदीवाल की मौत हो गई। उनकी पत्नी मनीषा (55) अभी ICU में भर्ती हैं।

अस्पताल में भर्ती अन्य लोगों में फायर स्टेशन इंचार्ज विजय राणे (53), फायरमैन कल्पेश पाटिल (41), कुणाल पाटिल (28), ड्राइवर प्रमोद पाटिल (43) और सचिन मोरे शामिल हैं। इनमें से मोरे को बाद में छुट्टी दे दी गई।

स्थानीय निवासी भी आए गैस की चपेट में
गैस रिसाव की चपेट में आईं अन्य मरीजों में प्रिया राठौड़ (14), अनीश सोलंकी (15), नाज़नीन डोगरिया (17), अंजलि राठौड़ (19), कांतिलाल मिस्त्री (75), पुष्पा मिस्त्री (72) और शांता सोलंकी (62) शामिल हैं। सभी का इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है।

अधिकारियों ने कहा कि गैस रिसाव का स्रोत और कारण जानने के लिए जांच जारी है, साथ ही पुराने सिलेंडरों की सुरक्षा जांच को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।