मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखीमपुर खीरी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश में हो रहे धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और सुंदरीकरण के कार्य में लगी है। इसी कड़ी में लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद गांव का नाम बदलकर कबीरधाम किए जाने की घोषणा की गई।
सीएम योगी ने कहा कि राज्य की धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई शहरों और स्टेशनों के नाम बदलकर उन्हें उनकी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ा है। उन्होंने कहा, “हमने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या किया। अब मुस्तफाबाद का नाम कबीरधाम रखा जाएगा। पहले सरकारी धन कब्रिस्तानों की बाउंड्री तक सीमित रहता था, आज वही धन धर्मस्थलों के विकास में लगाया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे पहले मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया था, जबकि झांसी रेलवे स्टेशन को वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन का नाम दिया गया। इसी तरह अमेठी जिले में भी आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा — “फुरसतगंज स्टेशन अब तपेश्वरनाथ धाम है, कासिमपुर हॉल्ट को जायस सिटी कहा जाता है, जायस स्टेशन गुरु गोरखनाथ धाम बन चुका है, और निहालगढ़ स्टेशन का नाम अब महाराजा बिजली पासी रखा गया है।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य धार्मिक आस्था से जुड़े स्थलों को उनकी मूल पहचान लौटाना और सांस्कृतिक धरोहरों को सम्मान देना है। उन्होंने कहा, “हमने काशी, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, गोकर्ण समेत सभी पवित्र स्थलों का सुंदरीकरण किया है। पहले जहां विभाजन की राजनीति होती थी, वहीं अब एकता और आस्था का माहौल है।”
मुख्यमंत्री ने मंच से यह भी कहा कि जिन लोगों ने कभी अयोध्या का नाम फैजाबाद और प्रयागराज का नाम इलाहाबाद किया था, उन्होंने भारतीयता की भावना को कमजोर करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, “आज हम अपनी संस्कृति को पुनर्जीवित कर रहे हैं और यह हमारी आत्मीयता और गौरव का प्रतीक है।”