लखनऊ: राजधानी में रविवार को लोक भवन में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें व्यावसायिक शिक्षा के 1510 चयनित अनुदेशकों को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई भर्ती के बाद नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता युवाओं को योग्यता और क्षमता के आधार पर रोजगार देना है और किसी भी स्तर पर भेदभाव या शोषण नहीं होना चाहिए।
इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा मंत्री कपिल देव अग्रवाल और कौशल विकास विभाग के प्रमुख सचिव हरिओम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में 8.5 लाख सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया और अब भर्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के समय उत्तर प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था में अग्रणी राज्य था, लेकिन 1960 के बाद नीति और प्रबंधन की गलतियों के कारण यह गिरावट का शिकार हुआ।
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि चयनित अभ्यर्थियों के जीवन में यह अवसर नई ऊर्जा और आत्मविश्वास लाएगा और प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि योग्यता के आधार पर रोजगार प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कुल 1,84,280 सीटें उपलब्ध हैं और 7768 अनुदेशक पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1510 अनुदेशकों का चयन हाल ही में हुआ है।
प्रदेश में आठ वर्षों में 60 से अधिक नए आईटीआई स्थापित किए गए हैं और वर्तमान में 324 आईटीआई में 82 ट्रेड में लगभग 1.84 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसकी मासिक फीस मात्र 40 रुपये है। साथ ही लगभग 3,000 निजी आईटीआई में 6 लाख सीटों पर प्रशिक्षण उपलब्ध है। रोजगार मेलों के माध्यम से अब तक 4.13 लाख से अधिक युवाओं को कंपनियों में रोजगार का अवसर मिला है।