लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस पर लखनऊ से दिल्ली तक जाने वाली संदेश यात्रा की शुरुआत अपने सरकारी आवास से की। यह यात्रा कानपुर, इटावा और आगरा होते हुए दिल्ली के शीशगंज गुरुद्वारा में संपन्न होगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए धर्मांतरण की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धर्मांतरण के मामलों में सख्त कार्रवाई कर रही है और यह सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा है। बलरामपुर में हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वहां अवैध धर्मांतरण में शामिल एक नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसमें विदेशी फंडिंग के जरिये 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ।
सीएम योगी ने कहा कि कुछ तत्व सुनियोजित तरीके से देश की सांस्कृतिक पहचान को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। अनुसूचित जातियों को लालच और भय के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जो संविधान और सामाजिक समरसता के खिलाफ है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और ऐसी किसी भी घटना की सूचना शासन को देने की अपील की।
गुरु तेग बहादुर के बलिदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह यात्रा उनके त्याग और शौर्य की गाथा को पुनः स्मरण कराने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा ‘बलिदान, शांति और राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक है। गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब की धार्मिक कट्टरता के खिलाफ डटकर खड़े होकर अपने प्राणों की आहुति दी थी।
सीएम योगी ने कहा कि यह कार्यक्रम हमें सिख गुरुओं के बलिदान से प्रेरणा लेने का अवसर देता है। उन्होंने बलपूर्वक कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी दबाव में अपनी संस्कृति और धर्म को न छोड़े। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने के निर्णय की सराहना की।
इस अवसर पर राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, विधान परिषद सदस्य सरदार हरि सिंह ढिल्लो, अल्पसंख्यक आयोग सदस्य सरदार परविंदर सिंह, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार जगदीप सिंह कहलो और अन्य प्रमुख अधिकारी व गणमान्य जन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्प वर्षा कर संदेश यात्रा का स्वागत किया और इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।