ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी द्वारा सपा सांसद डिंपल यादव को लेकर दिए गए बयान पर राजनीतिक घमासान तेज़ हो गया है। उनके बयान को अपमानजनक करार देते हुए समाजवादी पार्टी समेत कई संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। रशीदी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम की कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
इस मुद्दे को लेकर संसद परिसर में एनडीए सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, डिंपल यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एनडीए को मणिपुर जैसे गंभीर विषयों पर भी इसी तरह संवेदनशीलता और सक्रियता दिखानी चाहिए।
मौलाना रशीदी ने दी सफाई, कहा – मुझे मुसलमान होने की सजा मिल रही है
विवाद बढ़ने के बाद मौलाना साजिद रशीदी ने अपनी टिप्पणी को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा, “भारत का संविधान हर धर्म को अपनी मान्यताएं रखने और उनके प्रचार की आज़ादी देता है। ‘नंगा’ शब्द समाज में आम इस्तेमाल होता है। मेरा आशय यह था कि तस्वीर में सिर और शरीर ढका होना चाहिए था। यह तस्वीर मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर डाली गई।”
रशीदी ने आरोप लगाया कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी गई, मुझे गालियाँ और धमकियाँ मिल रही हैं, यहां तक कि मेरी बेटी तक को निशाना बनाया जा रहा है। मैं मानता हूं कि मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। अखिलेश यादव के इशारे पर यह सब हो रहा है।”
मौलाना ने यह भी दावा किया कि, “मैंने किसी महिला के खिलाफ आपत्तिजनक बात नहीं कही। आज सड़कों पर महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं, लेकिन मेरी टिप्पणी पर आपत्ति जताई जा रही है। यह पूरा मामला एक मुसलमान के खिलाफ साज़िश लगती है।”