लखनऊ। शुक्रवार शाम को हुई बारिश के दौरान इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहे के पास स्थित साइबर टावर में बड़ा हादसा हो गया। इमारत का छज्जा गिरने से वहां मौजूद एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान 22 वर्षीय रवि के रूप में हुई है, जो मूल रूप से बाराबंकी के शिव विहार कॉलोनी में रहता था।

मिलने आया था दोस्त से, दबकर हुई मौत

रवि अपने दोस्त ब्रजेश से मिलने आया था, जो साइबर टावर की सातवीं मंजिल पर एक निजी कंपनी में कार्यरत है। बारिश शुरू होने पर दोनों लोग छज्जे के नीचे खड़े हो गए। प्रत्यक्षदर्शी ब्रजेश के अनुसार, तेज बारिश के बीच अचानक छज्जा हिलने लगा और देखते ही देखते भरभराकर गिर गया। ब्रजेश तो किसी तरह बच गया, लेकिन रवि मलबे के नीचे दब गया।

स्थानीय लोग और पुलिस ने हटाया मलबा

घटना के बाद चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोगों और सुरक्षाकर्मियों की मदद से मलबा हटाया गया। रवि को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि रवि परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था।

सावधानी बरतने में चूक की आशंका

घटना को लेकर लोगों में रोष है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि छज्जा गिरने से पहले कुछ आवाजें आई थीं, लेकिन खतरे का अंदेशा नहीं हुआ। परिजनों ने आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई थी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बैंक करा रहा था निर्माण, बिल्डिंग मैनेजमेंट का भी जिक्र

आरआर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के जय राज दुबे ने बताया कि साइबर टावर का मूल निर्माण उनकी कंपनी ने किया था, लेकिन जहां हादसा हुआ वह क्षेत्र यश फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति है, जिसे एचएसबीसी बैंक को किराए पर दिया गया था। उसी बैंक द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा था। उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों के प्रति उनकी पूरी संवेदनाएं हैं। इमारत का प्रबंधन एमपीडीएल फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विसेज के अंतर्गत किया जा रहा था।