चक्रवाती तूफान मोंथा ने मंगलवार की सुबह गंभीर रूप ले लिया है। मौसम विभाग के अनुसार, इसके प्रभाव से 29 से 31 अक्टूबर के बीच उत्तर प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों — प्रयागराज, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली और भदोही में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मंगलवार को सोनभद्र, वाराणसी और बुंदेलखंड के कई हिस्सों में जोरदार बारिश दर्ज की गई। सोनभद्र में सबसे अधिक 65 मिमी, झांसी में 51 मिमी और उरई में 48.2 मिमी वर्षा हुई। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह मोंथा तूफान गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। इसका असर मुख्य रूप से प्रदेश के दक्षिणी हिस्से और बिहार से सटे पूर्वांचल के जिलों में रहेगा, जहां तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक नवंबर से मौसम में सुधार और दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
धान के किसानों की बढ़ी चिंता
बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। कई इलाकों में धान की फसल कटाई के बाद खेतों में पड़ी है, जबकि कुछ जगहों पर फसल अभी खड़ी है। ऐसे में बारिश से फसल के भीगने और खराब होने का खतरा बढ़ गया है। किसानों को संभावित नुकसान की चिंता सताने लगी है।
कैसे पड़ा मोंथा नाम
इस तूफान का नाम मोंथा थाईलैंड ने सुझाया है। इसका उच्चारण “मॉन-था” है, जिसका अर्थ होता है — खुशबू। मौसम विभाग ने 26 अक्टूबर को इसे चक्रवाती तूफान के रूप में आधिकारिक रूप से दर्ज किया था।