अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में 28 अगस्त की रात हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर अगले दिन भी अपनी ड्यूटी पर लौटे नहीं। इसके चलते इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं और 29 अगस्त की शाम तक लगभग 800 मरीज इलाज न मिलने पर वापस लौट गए।
हालांकि, डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वाले बीएएलएलबी तृतीय वर्ष के छात्र मोहम्मद मुज्तबा को निलंबित कर दिया गया, लेकिन इससे हड़ताल खत्म नहीं हुई। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी सुरक्षा के लिए ठोस इंतजाम नहीं किया जाता, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार, 28 अगस्त की रात लगभग साढ़े आठ बजे छात्र अपने साथी का इलाज कराने इमरजेंसी पहुंचे थे। शीघ्र उपचार को लेकर जूनियर डॉक्टरों से कहासुनी के बाद मारपीट हुई। इसके बाद डॉक्टरों ने इमरजेंसी गेट पर ताला लगा दिया। रात में अफसरों ने मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी।
29 अगस्त को भी प्रशासन ने चिकित्सकों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन हड़ताल जारी रही। प्रशासन का मानना था कि आरोपी छात्र के निलंबन से मामला शांत हो जाएगा, लेकिन तकरीबन 800 मरीज इलाज न मिलने पर लौट गए।
प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि मारपीट के आरोपी छात्र को निलंबित कर दिया गया है। जूनियर डॉक्टरों और विधि छात्रों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उनका परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही, डॉक्टरों की मांगों पर काम किया जा रहा है और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।