लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर सख्त रुख अपनाया और कहा कि प्रदेश में अब कोई भी संस्था हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर अपने उत्पाद नहीं बेच सकेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोई भी सामान खरीदते समय जीएसटी का बिल जरूर लें और हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों से बचें।

सीएम योगी ने कहा कि कई उत्पादों में हलाल सर्टिफिकेशन लिखा होता है, चाहे वह साबुन हो या कपड़े। उन्होंने बताया कि राज्य में कार्रवाई शुरू होने से पहले सालाना 25 हजार करोड़ रुपये हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर खर्च हो रहे थे, जिसका कोई सरकारी मान्यता नहीं थी। उनका कहना था कि यह पैसा आतंकवाद, धर्मांतरण और अन्य अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा था।

मुख्यमंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर कोई पैसा नहीं देना चाहिए। उन्होंने बलरामपुर में गिरफ्तार आरोपी का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई हो रही है।

सीएम योगी ने अपने संबोधन में राजनीतिक और ऐतिहासिक पहलुओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने देश की आस्था को चुनौती दी, और भारतीय इतिहास में वीरों जैसे शिवाजी और महाराणा प्रताप ने इसे लेकर संघर्ष किया।

साथ ही, उन्होंने कांग्रेस और सपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रभु राम और कृष्ण को मिथक बताया था और सपा ने राम भक्तों पर हिंसा की थी। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल अयोध्या में 6 करोड़ लोग श्रीराम के दर्शन करने पहुंचे, जबकि प्रयागराज के महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए।

योगी ने कहा कि आज दुनिया अयोध्या में आकर श्रीराम के दर्शन कर रही है और सपा और कांग्रेस के लोग हमेशा इसमें खोट निकालते रहे।